उत्तराखंड के अधिकांश सरकारी और निजी अस्पतालों में बायोवेस्ट डिस्पोजल रूल्स का अनुपालन नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पूरा ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हरिद्वार निवासी अजीम हुसैन ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के सरकारी और निजी अस्पताल बायोवेस्ट डिस्पोजल रूल्स का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।
अस्पतालों का बायो वेस्ट जहां-तहां फेंका जा रहा है। अधिकांश अस्पतालों के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी भी नहीं है। याचिका में इन अस्पतालों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को पूरा विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।