देहरादून । राजधानी के एक स्कूल ने बिना आईसीएससी बोर्ड की मान्यता के बच्चों को नवीं क्लास में दाखिले दिलवा दिए। बच्चों के एक साल बर्बाद होने के डर से बच्चे और अभिभावक अब दर-दर भटक रहे हैं। मामले में बच्चों की ओर से हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने स्कूल संचालक और जिलाधिकारी से जवाब-तलब किया है। आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई है।उधर, स्कूल संचालक का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बोर्ड से मान्यता हो चुकी है, केवल रजिस्ट्रेशन को होल्ड रखा गया है। कोर्ट जो भी आदेश देगा उसका पालन किया जाएगा। मामला रायपुर क्षेत्र के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज स्थित ओएसिस स्कूल से जुड़ा है।
बताया जा रहा है स्कूल को आईसीएससी बोर्ड की मान्यता नहीं थी। लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रशासन ने नौवीं कक्षा में बच्चों को दाखिला दिलवा दिया। मान्यता न होने की जानकारी स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों से पूरी तरह से छिपाए रखी। कई अभिभावकों ने प्रतिष्ठित स्कूलों से अपने बच्चों को निकालकर यहां दाखिला दिला दिया। मान्यता न होने की बात जब अभिभावकों को चली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
कोर्ट के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
एक बच्चे के अभिभावक मनु गौर ने बताया कि इसके बाद सभी अभिभावकों ने स्कूल संचालक से बात की और मान्यता के लिए कहा। लेकिन आश्वासन के बाद भी स्कूल संचालक की ओर से रजिस्ट्रेशन में लापरवाही बरती और बार-बार अभिभावकों को गुमराह किया गया। जिससे रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख भी चली गई। बताया कि 15 बच्चों ने इस संबंध में हाईकोर्ट में गुहार लगाई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी और स्कूल संचालक को तलब किया है।
जिलाधिकारी को इस संबंध में पूरी रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है। अभिभावक मनु गौर ने बताया कि स्कूल के झूठ की वजह से उनके बच्चों का एक साल बर्बाद हो सकता है। बताया कि आज कोर्ट के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, स्कूल संचालक राकेश ओबरॉय ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों को चिंता की आवश्यकता नहीं है। बोर्ड ने स्कूल के प्रधानाचार्य की योग्यता पर सवाल उठाए हैं और रजिस्ट्रेशन को होल्ड कर रखा है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही बोर्ड इस पर आवश्यक कार्रवाई करेगा। कहा कि कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसका पालन किया जाएगा।