शासन-प्रशासन को किसी मसले पर पत्र लिखते हैं तो उसका जवाब तक नहीं आता। प्रदेश सरकार 21 हजार रुपये पेंशन दे रही है, लेकिन इससे ज्यादा दवा पर खर्च हो जाता है। शासन-प्रशासन को केवल 15 अगस्त में ही उनकी याद आती है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के प्रदेश सचिव अवधेश पंत बताते हैं कि प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के करीब 40 हजार परिवार हैं। सरकार की ओर से उन्हें जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी नहीं दी जा रही है। उनके लिए सौ मीटर जमीन का शासनादेश हुआ था। जो आज तक नहीं मिली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को मात्र चार हजार रुपये पेंशन दी जा रही है।
प्रदेश में अब मात्र 15 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीवित हैं। इसमेें ऊधम सिंह नगर जिले में चार, देहरादून और हरिद्वार में तीन-तीन, पौड़ी, उत्तरकाशी, नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर में एक-एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है।