देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होने वाली समूूह ग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पहली बार भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है।
परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों की चेकिंग और सुरक्षा प्रबंधन के लिए प्रत्येक जिले में डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। यदि किसी स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी सरकार की ओर से कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश जारी किए गए।
समूह ग पदों की भर्ती परीक्षाओं की तैयारियों व प्रश्न पत्र तैयार करने का दायित्व चयन आयोग का है। परीक्षाओं को लेकर दिशानिर्देश पर आयोग जारी करता है। अभी तक परीक्षाओं को सफलता पूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी भी आयोग की थी।
परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस करेगी अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच
आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने पर अब सरकार ने जिला प्रशासन व पुलिस की जिम्मेदारी तय की है। परीक्षा के दिन चयन आयोग के दिशानिर्देशों का पालन कराने की कार्रवाई जिलाधिकारी व पुलिस के माध्यम से की जाएगी। सभी जिलों के अपर जिलाधिकारी व डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा।
परीक्षा से संबंधित गोपनीय सामग्री कोषागारों में डबल लॉक में रखी जाएगी। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य कोषाधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी की होगी। परीक्षा कराने के लिए आयोग को महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, पॉलिटेक्नीक कालेज, आईटीआई भवन की अनुमति दी जाएगी।
परीक्षा केंद्रों के बाहर अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच के लिए चार से छह होमगार्ड जवान, दो पुलिस आरक्षी तैनात किए जाएंगे। इसमें दो से तीन महिला पुलिस कर्मी होंगी। शारीरिक जांच केंद्र अधीक्षक, पर्यवेक्षक व मजिस्ट्रेट की निगरानी की जाएगी।
60 मिनट पहले बंद होगा केंद्र का मुख्य गेट
परीक्षा शुरू होने के 60 मिनट पहले केंद्र का मुख्य गेट बंद किया जाएगा। अभी तक इस तरह का प्रावधान नहीं था। होमगार्डों को शारीरिक जांच के लिए बकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नकल रोकने के लिए ब्लू टूथ व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रोकने के लिए गहन जांच की जाएगी।
प्रत्येक केंद्र के लिए डीएम तैनात करेंगे मजिस्ट्रेट
चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के लिए जिलाधिकारी प्रत्येक केंद्र के लिए मजिस्ट्रेट तैनात करेंगे। जिसमें जिला स्तर के अधिकारियों को मजिस्ट्रेट का दायित्व दिया जाएगा।
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए आयोग लगातार प्रयास कर रहा है। आयोग के आग्रह पर सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में गडबड़ी रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं।
-संतोष बडोनी, सचिव चयन आयोग
इन परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी
वर्ष 2014 में सरकार ने समूह ग पदों की भर्ती करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया। पिछले तीन सालों में आयोग ने 57 परीक्षाएं आयोजित कर छह हजार पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की है। लेकिन आयोग की ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, जेई सिविल, फॉरेस्ट गार्ड पदों की भर्ती विवादों में रही है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों की भर्ती परीक्षा निरस्त कर दोबारा से करानी पड़ी थी।