नाम वापसी से पहले बागियों को बैठाने के लिए भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस कड़ी में वरिष्ठ नेताओं को मोर्चे पर लगाया गया है। कुछ सीटों पर असंतोष दूर करने के प्रयासों में कुछ हद तक सफलता मिली है। इससे वहां बागियों के तेवर नरम अवश्य पड़े हैं, लेकिन असली तस्वीर सोमवार को नाम वापसी के बाद ही सामने आएगी।
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण होने के बाद दोनों ही प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस विभिन्न सीटों पर कार्यकत्र्ताओं के बगावती तेवर से जूझ रहे हैं। 16 सीटों पर भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन कराया है। इसी तरह कांग्रेस से 10 सीटों पर बागियों ने नामांकन कराया है। यद्यपि, नामांकन के बाद से ही दोनों दल बागियों को मनाने में जुटे हैं। इसमें उनके स्थानीय संपर्कों को तलाश कर उन्हें साधने के प्रयास हो रहे हैं तो दोनों पार्टियों ने प्रांतीय नेताओं को इस कार्य में लगाया है। कुछ नेताओं को बाकायदा जिम्मेदारी देकर क्षेत्रों में भेजा गया है।