चमोली। विधानसभा बजट सत्र आयोजित होने के साथ जहां भाजपा विधायक गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की बात कर रहे हैं वहीं कांग्रेस व उत्तराखंड क्रांति दल स्थायी राजधानी की मांग कर रहा है।
मंगलवार को विधानसभा का सत्र प्रारंभ होने से पहले जब भाजपा विधायकों से राजधानी के मसले पर पूछा गया तो उनका कहना था कि प्रदेश भाजपा सरकार की नीतियों के तहत आगे बढ़ रहा है और भराड़ीसैंण के लिए भी सरकार कुछ न कुछ अच्छा फैसला करेगी। जबकि कांग्रेस विधानसभा बजट सत्र को सिर्फ लॉलीपाप बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि पांच दिन के सत्र में आखिर सरकार राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कराएगी या बजट पर। या फिर विधायकों के प्रश्नों का जवाब देगी। दूसरी ओर उक्रांद ने प्रदर्शन कर भराड़ीसैंण में स्थाई राजधानी की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। इस दौरान राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के साथ वामपंथियों ने भी स्थाई राजधानी को लेकर प्रदर्शन किया।
विस परिसर तक पहुंचे मैखुरी
माकपा माले के नेता इंद्रेश मैखुरी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार तक पहुंचने में सफल रहे। जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अस्थायी जेल मालसी भेज दिया। इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने सहित पहाड़ के किसानों को जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान पर सरकार कुछ करती नजर नहीं आ रही है। जबकि, विकास कार्यों को छोड़ हमेशा भ्रष्टाचार के मामले खुल रहे हैं। फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले को प्रदेश सरकार पर कलंक बताते हुए उन्होंने कहा कि मामले की तह तक पहुंचकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। कहा कि दो वर्ष पूर्व गैरसैंण में स्थायी राजधानी को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं। जिसे सरकार को वापस लेना चाहिए। किंतु सरकार आंदोलनकारियों की बात सुनने को तैयार नहीं है।
अतिथियों के स्वागत में नहीं हुए सांस्कृतिक आयोजन
गैरसैंण के भराड़ीसैंण में आयोजित बजट सत्र में स्थानीय लोगों की भूमिका ना के बराबर रही। परिसर में अधिकारी, सुरक्षाकर्मियों के अलावा विधायक, मंत्री मौजूद थे। लेकिन, विधायकों के समर्थकों को भी इस बार विधानसभा भवन तक नहीं आने दिया गया था। खास बात यह है कि अतिथियों के स्वागत में स्थानीय लोकगीत, लोकनृत्य सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी नहीं किए गए।
विधानसभा भवन के चारों ओर पुलिस ने कंटीली तार के साथ सुरक्षा का घेरा बनाया था। पुलिस प्रशासन को अंदेशा था कि कर्मचारी व स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। जब विधानसभा भवन तक मुख्यमंत्री व राज्यपाल पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए स्थानीय लोग भी नहीं खड़े थे। पूर्व में हुए विधानसभा सत्र के दौरान यहां पर लोकनृत्य व लोकगीतों से अतिथियों का स्वागत होता रहा है। पुलिस प्रशासन की कड़ी घेराबंदी का ही असर था कि विधानसभा भवन तक आंदोलनकारी इस बार नहीं पहुंच पाए।
भराड़ीसैंण गांव की महिला विनीता देवी का कहना था कि स्थानीय लोगों को इस आयोजन में बुलाया ही नहीं गया था। महिलाओं का कहना था कि उनके रिश्तेदार भी लोकतंत्र के इस महा उत्सव को अपनी आंखों से देखने के लिए हसरत पाले हुए थे। लेकिन, सुरक्षा के नाम पर ग्रामीणों को विधानसभा भवन के अंदर फटकने भी नहीं दिया गया।
बजट सत्र का उक्रांद ने किया विरोध, अस्थाई जेल में भेजा
गैरसैंण के भराड़ीसैंण में मंगलवार से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र का उक्रांद सहित विभिन्न संगठनों ने विरोध किया। सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ उक्रांद तथा कर्मचारी संगठन विधानसभा से छह किमी दूर दिवालीखाली में सुरक्षार्किमयों से उलझे। इस बीच, पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। घंटों चली जद्दोजेहद के बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को जबरन वाहनों में बैठाकर अस्थाई जेल मालसी व मेहलचैरी भेज दिया।
तय कार्यक्रम के अनुसार उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता सुबह से ही पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट की अगुवाई में दिवालीखाल पहुंच गए। जहां कुमाऊं व गढ़वाल दोनों मंडलों के कार्यकर्ताओं का आने का सिलसिला जारी रहा। दोपहर 11 बजे के करीब उक्रांद कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेट को पार कर विधानसभा कूच करने का प्रयास किया। जिस पर पुलिस द्वारा उन्हें रोके जाने पर उक्रांद कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इस बीच कई बार कार्यकर्ताओं ने एनएच जाम करने की कोशिश भी की। डेढ घंटे तक चली खींचतान के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए उक्रांद नेताओं सहित कार्यकर्ताओं को पुलिस वाहन में डालकर अस्थाई जेल मालसी भेज दिया। यही हाल मालसी बैरिकेट पर भी नजर आया।
जहां कुछ उक्रांद कार्यकर्ता एकत्रित थे। पुलिस ने उन्हें आगे बढने से रोक दिया। उक्रांद के वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट ने मालसी पहुंचकर कार्यकर्ताओं को बैरिकेट पार कर दिवालीखाल पहुंचाने में मदद की। जहां फिर एक बार उक्रांद कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध दर्ज किया। दूसरी ओर दोपहर बाद कुमाऊं मंडल के उक्रांद कार्यकर्ता दो बजे सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं के साथ दिवालीखाल बैरिकेट पर पहुंचे और हिलट्रान के पूर्व अध्यक्ष व उक्रांद के संस्थापक सदस्य काशी सिंह ऐरी व पूर्व विधायक पुष्पेष त्रिपाठी की अगुवाई में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आधे घंटे तक पुलिस व उक्रांद कार्यकर्ताओं के बीच खींचतान हुई।?
बड़ी संख्या में तैनात पुलिस के जवानों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस बीच, पुलिस के जवान एक एक कर कार्यकर्ताओं को पुलिस वाहन तक पहुंचाते रहे। किंतु कार्यकर्ता बार बार वाहन से बाहर निकलकर नारेबाजी में शामिल होते दिखे। काफी देर तक विरोध के बाद उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी ने कार्यकर्ताओं के बीच जाकर आंदोलन को सफल बताया व वर्तमान सत्र में गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि ऐसा नहीं किए जाने पर सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।
इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बीडी रतूड़ी, नारायण सिंह जंगवाल, सतीश सेमवाल, हरीश पाठक, अरुण शाह, मनमोहन पंत, राजेंद्र नौटियाल, अवतार सिंह राणा सहित बड़ी संख्या में उक्रांद कार्यकर्ता उपस्थित थे।