देहरादून। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा एक तरफ विपक्ष में सेंधमारी कर मजबूती का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के कुछ विधायकों और कार्यकर्त्ताओं के बीच से ही सार्वजनिक तौर पर उभर रहे असंतोष के सुरों ने उसकी पेशानी पर बल डाल दिए हैं। अब धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली के रवैये के विरोध में पार्टी की मंडल इकाइयों के तीन पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं।
भाजपा के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं की बयानबाजी और उनके बीच से उठ रहे असंतोष के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे। बीती चार सितंबर को देहरादून के रायपुर विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ और पार्टी के कुछ कार्यकर्त्ताओं के बीच तू तू-मैं मैं हो गई थी। इसके अगले ही दिन रुड़की में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की मौजूदगी में ही शिलापट पर नाम को लेकर रुड़की के महापौर गौरव गोयल व विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थकों के बीच नोकझोंक हुई। इससे पहले ऋषिकेश नगर निगम की महापौर, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा नोटिस भेज चुकी है।
कुछ समय पहले खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य छिड़ी जुबानी जंग सुर्खियों में रही थी। चैंपियन की एक विवादित टिप्पणी के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित तक कर दिया गया था। हालांकि, करीब सालभर बाद ही उनकी फिर से पार्टी में वापसी हो गई। इसके अलावा विधायक पूरन सिंह फत्र्याल एक सड़क के मामले को लेकर मुखर रहे हैं, लेकिन यह मामला किसी तरह शांत कर लिया गया था। कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के बीच छिड़ी रार अभी तक बरकरार है।