देहरादून। अक्सर विवादों में रहने वाले खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की दबंगई शनिवार को कोरोना की वैक्सीन लगाने के मामले में भी देखी गई। प्रदेश में 18 से 44 साल की उम्र के व्यक्तियों को 10 मई से वैक्सीन लगाई जानी है, मगर विधायक 25 वर्षीय पुत्र के लिए वैक्सीन दो दिन पहले ही हाजिर कर दी गई। विधायक की दबंगई के आगे नियम भी बदल गए और किसी ने चूं तक नहीं की।
विधायक कुंवर प्रणव सिंह के पुत्र कुंवर दिव्य प्रताप सिंह चैंपियन को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। इस समय कई दफा कम उम्र के फ्रंटलाइन वर्कर्स तक को पोर्टल न खुलने की बात कहकर बैरंग लौटा दिया जा रहा है। वहीं, विधायक पुत्र के लिए ऐसे कोई प्रतिबंध नजर नहीं आए। फिर विधायक के पुत्र तो फ्रंटलाइन वर्कर की भी श्रेणी में नहीं हैं। प्रदेश में इस समय सभी को कोवीशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन विधायक पुत्र को कोवैक्सीन लगाई गई। कोवैक्सीन प्रदेश के गिने-चुने केंद्रों में ही उपलब्ध है और इस पर पहला हक चिकित्सा कार्मिकों को दिया गया है। इस मामले में जब मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से बात की गई तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते थे।
विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का कहना है कि मेरा बेटा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी होने के साथ कोरोना वारियर भी हैं। वह रोजाना कोरोना से बचाव और रोकथाम के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में कार्य कर रहा है। इसी के लिए उसे वैक्सीन दी गई है। कार्यकत्र्ताओं को भी यदि वैक्सीन चाहिए तो नियमानुसार उन्हेंं भी वैक्सीन लगाई जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि विधायक चाहे सत्ता पक्ष या विपक्ष का हो, सभी को मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग लडऩी है। किसी को भी ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जो कोराना की गाइडलाइन के विपरीत हो।
18 अन्य युवाओं को भी लग चुकी वैक्सीन
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में विधायक पुत्र के मामले के अलावा 44 वर्ष से कम उम्र के 18 युवाओं को वैक्सीन लग चुकी है। वैक्सीन की इस पात्रता पर केंद्र ने सवाल उठाए हैं।