पिथौरागढ़। भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क पर पहाड़ी दरकने से मार्ग बंद हो गया है। यह हादसा मंगलवार शाम को हुआ। यहां पहाड़ी का एक विशालकाय हिस्सा सड़क पर आ गया। गनिमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। बुधवार देर शाम तक मार्ग खुलने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट लिपुलेख सड़क के शांतिवन नामक जगह पर पहाड़ी दरकने से मार्ग बंद हो गया है। पहाड़ी दरकने से लिपुलेख से धारचूला आ रहे सेना और लोगों के वाहन शांतिवन में फंस गए। वहीं पिथौरागढ़-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग भी चुपकोट बैंड के समीप बंद है। मंगलवार की रात पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा सड़क पर आ गया। देर शाम तक सड़क खुलने की संभावना है। वहीं उत्तरकाशी में सुनगर के पास भारी भूस्खलन से बंद हुए गंगोत्री हाईवे पर मंगलवार शाम 36 घंटे बाद आवाजाही बहाल हो गई है। सोमवार सुबह पहाड़ी से बोल्डर व मलबा आने और हाईवे का करीब 20 मीटर हिस्सा नदी में बह जाने से हाईवे अवरूद्ध हो गया था। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गंगोत्री हाईवे भारत-चीन सीमा पर अग्रिम चौकियों के साथ गंगोत्री धाम और उपला टकनौर क्षेत्र के कई गांवों को जोड़ता है।
सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे बंद हुए गंगोत्री हाईवे को बीआरओ के मजदूर और मशीनों की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार शाम को आवाजाही के लिए खोला गया।
बता दें कि कुछ दिन पूर्व तवाघाट लिपुलेख सड़क पर शांतिवन नामक जगह पर ही भूस्खलन हुआ था और तीन लोगों की मौत भी हुई थी।
गर्ग एंड गर्ग कम्पनी के ड्रिल मशीन के एक ऑपरेटर और दो हेल्पर सहित कुल तीन लोगों की पहाड़ी से बोल्डर गिरने के कारण ड्रिल मशीन सहित मलबे में दबने से मौत हो गई थी।
मंगलवार शाम जब यह घटना हुई तो अधिकारियों ने समझदारी से उस समय यातायात रोक दिया। जिससे कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। ये घटना मंगलवार शाम 4 से 5 बजे के बीच की है।