भारत-नेपाल सीमा पर AIIMS ऋषिकेश ने लगाई चौपाल, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं पर की चर्चा

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ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश की ओर से यूथ- 20 कन्टल्टेंसी के अन्तर्गत अंतर्राष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा से सटे विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक ने टेलिमेडिसिन के माध्यम से ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का समाधान भी किया।

उत्तराखण्ड के कुमाऊं क्षेत्र के विभिन्न गांवों में आयोजित इन स्वास्थ्य चौपाल कार्यक्रमों में एम्स के चिकित्सकों ने ग्रामीणों को स्वस्थ्य रहने के उपाय बताए और उन्हें विभिन्न संक्रामक बीमारियों के प्रति जागरूक किया। गौरतलब है कि युवा एवं खेल मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित वाई-20 कार्यक्रम की जिम्मेदारी एम्स ऋषिकेश को मिली है। यह कार्यक्रम आगामी चार और पांच मई को ऋषिकेश में आयोजित होना है। यूथ-20 सम्मिट की तैयारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इन दिनों एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों की टीमें राज्य के विभिन्न स्थानों पर जाकर जागरूकता सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।

स्वास्थ्य चौपाल के दौरान एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने टेलिमेडिसिन के माध्यम से बनबसा गांव के ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि यह ऋतु परिर्वतन का समय है और इस मौसम में संक्रामक बीमारियों के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक रहना चाहिए। स्वास्थ्य चौपाल के आयोजक एम्स के फार्माकालोजी विभाग के डा. विनोद कुमार ने बताया कि यूथ-20 सम्मिट में देश-विदेश के प्रमुख संस्थानों से आने वाले युवा वक्ता, ’हेल्थ वेल्विंग स्पोर्ट्सः एजेन्डा फार यूथ’ विषय पर चर्चा कर वैश्विक स्तर के विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य चौपाल वाई-20 सम्मिट की थीम को लेकर ही आयोजित की जा रही हैं।

इन चौपाल के तहत एम्स के चिकित्सकों ने नेपाल बार्डर से लगे चम्पावत, उधमसिंहनगर, और पिथौरागढ़ जनपदों के लोहाघाट, बनबसा, टनकपुर, सुखीढंग, खटीमा आदि क्षेत्रों की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को मधुमेह, हाइपरटेंशन, एनीमिया, मलेरिया और गलत खान पान व रहन सहन से होने वाली बीमारियों से बचने के उपाय बताए गए। इस अवसर पर चौपाल कार्यक्रम के संयोजक डा. विनोद कुमार सिंह, सीएफएम विभाग के डा. संतोष कुमार, डा. सार्थक गौर, डा. अनुपम, डा. बालाचंद्र, डा. रवेंद्र राठौर, डा. मोहित, डा.जितेंद्र गुज्जर के अलावा एमबीबीएस के छात्र भी मौजूद रहे।

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