उत्तराखंड में मंगलवार रात से जारी बारिश के बाद ऋषिकेश में नदियां उफान पर आ गई हैं। वहीं, देर रात नरेंद्र नगर ब्लॉक के काटल गांव में बादल फटने से खेत, बिजली के पोल और पैदल मार्ग पर बना पुल बह गया। उधर, स्थानीय प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। तटीय इलाकों में जलभराव होने पर लोगों को शिफ्ट करने के इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा दृष्टिगत गंगा घाटों और तटों पर एसडीआरएफ और जलपुलिस की तैनाती की गई है। लगातार जारी बारिश के बाद काटल गदेरे ने भयावह रूप ले लिया। गदेरे में मिट्टी, पत्थर और बड़े-बड़े बोल्डर बहकर आने लगे, अनहोनी की आशंका देख ग्रामीण रात को एक सुरक्षित स्थान पर एकत्रित हो गए। जिन लोगों के मकान गदेरे के पास थे वे मकान खाली कर सुरक्षित जगह पर पहुंच गए। ग्रामीण रात भर सो नहीं पाए। इस दौरान गांव में जो बिजली के पोल थे वे भी बह कर नीचे गिरे थे। नौडू लमदार पुनगुड को जाने के लिए काटल गदेरे पर बना पैदल घाट पुल भी बह गया।
स्थानीय निवासी सुरेंद्र भंडारी और काटल की ग्राम प्रधान सीमा देवी ने बताया कि शिवपुरी-तिमली पसरखेत-गजा मोटर मार्ग की कटिंग का काम दो साल से पीएमजीएसवाई नरेंद्रनगर की ओर से किया जा रहा है। रोड कटिंग के दौरान डंपिंग जोन ना बनाए जाने से सड़क का मलबा गदेरे से गांव में आ गया। जिससे गांव में भारी नुकसान हुआ है।आसमानी बिजली गिरने से कार्टन चौक पर लगा ट्रांसफार्मर भी फुंक गया। कई ग्रामीणों के खेत, आंगन और पुस्ते टूट गए। स्थानीय ग्रामीणों की ओर से जिला प्रशासन टिहरी और एसडीएम नरेंद्रनगर को सूचित किया गया है, ग्रामीणों ने उचित मुआवजा दिलाए जाने की प्रशासन से मांग की है।, बारिश से गंगा और उसकी सहायक नदियां ऊफान पर आ गई हैं। बारिश के चलते चंद्रभागा, सौंग, सुसवा, हेंवल, संजयझील, बीन नदी ऊफान पर आ गई है। जलस्तर बढ़ने से स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला, त्रिवेणीघाट आदि जगहों पर गंगा नदी घाटों और तटों से ऊपर होकर बह रही है। नदी का जलस्तर घटने बढ़ने से स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। प्रशासन की ओर से गंगा तटों और घाटों पर बसे लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। गंगा घाटों और तटों पर पर्यटकों के स्नान करने पर रोक लगा दी गई है। बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात मार्ग भी जगह-जगह अवरुद्ध हो गए हैं। बुधवार सुबह से हो रही बारिश के कारण त्रिवेणीघाट स्थित आरती स्थल जलमग्न हो गया। लक्ष्मणझूला स्थित संतसेवा घाट, बॉबेघाट, लक्ष्मीनारायण, परमार्थ निकेतन, वानप्रस्थ, गीताभवन, वेदनिकेतन, साईंघाट से ऊपर गंगा नदी बह रही है।मूसलाधार बारिश से लक्ष्मणझूला-कांडी मोटर मार्ग पर रत्तापानी, तलाई, खैरखाल आदि जगहों पर मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। मार्ग अवरुद्ध होने से पर्वतीय क्षेत्रों से वाले वाहनों का आवागमन भी बंद रहा। जेसीबी की मदद से सड़क पर जमा मलबे के ढेर को हटाया जा रहा है। ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग तोताघाटी और कौड़ियाला के बीच जगह-जगह भूस्खलन होने से मार्ग अवरुद्ध है। श्रीनगर जाने वाले यात्रियों को टिहरी से भेजा जा रहा है। बीन नदी ऊफान पर आने से चीला-बैराज मोटर मार्ग भी बंद है। यात्रियों की सुरक्षादृष्टिगत नदी के दोनों ओर थाना लक्ष्मणझूला और वन विभाग की टीम मुस्तैद है।बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। बुधवार को गंगा नदी चेतावनी रेखा से मात्र 91 सेमी नीचे बह रही थी। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 338.45 मीटर, सुबह 8 बजे 338.50 मीटर, सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक 338.55 मीटर, शाम 4 बजे 338.59 मीटर दर्ज किया गया। जो चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से मात्र 91 सेमी नीचे बह रही है।