मसूरी। यमुना-मसूरी पेयजल योजना के शुरू होने से पहले ही भूस्खलन के कारण अनेक स्थानों पर मुख्य पाइप लाइन को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, लगातार हो रही वर्षा के कारण यमुना नदी में गाद (सिल्ट) आने से मसूरी के लिए पानी की अपलिफ्टिंग फिलहाल बंद कर दी गई है। इससे पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
144 करोड़ की लागत से तैयार यमुना-मसूरी पेयजल योजना का लाभ अभी तक मसूरी वासियों को नहीं मिल पा रहा है। लगातार हो रही वर्षा के कारण जगह-जगह मिट्टी खिसक रही है, जिससे पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त हो सकती है। पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता संदीप कश्यप ने के अनुसार, लोनिवि एनएच ने पाइप लाइन सड़क के खड्ड की तरफ ही बिछाने की अनुमति दी थी।
भूस्खलन होने से लटकी पाइपलाइन
मसूरी-कैंपटी के बीच जेडब्ल्यू मैरिएट होटल के समीप तथा सैंजी गांव के समीप भूस्खलन होने से पाइप लाइन लटक गई है। वहां पर तत्काल पुश्ते बनाए जा रहे हैं। ताकि पाइप लाइन को टूटने से बचाया जा सके। वहीं, यमुना में गाद बढ़ने से फिलहाल पानी की अपलिफ्टिंग बंद कर दी गई है।
कुछ दिनों बाद शुरू की जाएगी अपलिफ्टिंग
यमुना के अलावा यमुना-मसूरी पेयजल योजना के लिए यमुना पुल के समीप बह रहे गदेरे खीरागाड से भेडियाणा स्थित पहले स्टेज तक पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन इन दिनों गदेरे में पानी का बहुत वेग है, जिस कारण कुछ दिनों बाद गदेरे से पानी की अपलिफ्टिंग शुरू कर दी जाएगी, जिससे 2.74 एमएलडी पानी मिलेगा।