चर्चित जैन दम्पति हत्याकांड में फरार चल रहे उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारी लाल साहू के जोगीनवादा स्थित घर पर पुलिस ने दबिश दी। हालांकि गिरधारी साहू पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए। विशेष कोर्ट द्वारा पप्पू गिरधारी के जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट पर पुलिस ने दबिश का हवाला अंकित कर वापस कोर्ट भेजा है। वहीं, विशेष कोर्ट के जारी गिरफ्तारी वारंट पर जेल गये तीनों हत्यारोपियों के अधिवक्ताओं ने जिला जज की कोर्ट में जमानत अर्जियां दाखिल कर दी हैं।
मालूम हो कि डीआईजी आवास के पास 11 जून 1990 की रात बरेली सिविल लाइंस में नरेश जैन और उनकी पत्नी पुष्पा जैन की नृशंस हत्या कर दी गई थी। दोहरे हत्याकांड की चश्मदीद गवाह मृत दम्पति की बेटी प्रगति जैन ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। विवेचना में जोगीनवादा निवासी पप्पू गिरधारी, बदायूं की पूनम उर्फ सुनीता व जगदीश सरन गुप्ता, बरेली कटरा चांद खां का केवी वर्मा, रोहिलीटोला का भगवानदास, आंवला का बजरुद्दीन, भुता का नरेश कुर्मी, फतेहगंज पश्चिमी का हरपाल, शीशगढ़ का योगेश, बैसर अली समेत 11 हत्यारोपियों के नाम प्रकाश में आये थे।
इस केस की सुनवाई बरेली अदालत में चल रही थी। सूत्रों ने बताया कि इस चर्चित डबल मर्डर केस अब तक कुल 28 गवाह अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। कोरोना लॉकडाउन के बाद खुली कचहरी में जैन दम्पति मर्डर केस में सुनवाई शुरू हुई। इस डबल मर्डर केस के आरोपी केवी वर्मा, भगवानदास व बैसर अली की मृत्यु होने की सूचना उनके परिजनों द्वारा विशेष कोर्ट में पहुचाई गयी है।
उक्त प्रकरण तीन दशक पुराना है। यूपी हाईकोर्ट ने कोविड पीड़ित व्यक्ति को कोर्ट में पेशी से छूट प्रदान की हुई है। इसी कारण मैं कोर्ट में पेश नहीं हुआ। स्थानीय अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है। बाकी मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण मुझे इस पर ज्यादा बात नहीं करनी है।
गिरधारी लाल, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के पति