विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर की दीवार पर आई हल्की दरार का मरम्मत कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के माध्यम से कराया जाएगा। इसमें एएसआई ने पांच करोड़ खर्च आने का एस्टीमेट तैयार किया है। मानसून के बाद मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बदरीनाथ मंदिर की दीवार पर हल्की दरार आने का मामला संज्ञान में आने पर केंद्रीय संस्कृति सचिव से बदरीनाथ धाम को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। इस पर केंद्र की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए।
सचिव पर्यटन ने कहा कि बदरीनाथ धाम हमारी प्राचीन धरोहर है। इसका संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम की महायोजना में मंदिर को सुरक्षित और संरक्षित करने पर विशेष जोर दिया गया है। दरार की जानकारी मिलने के बाद एएसआई से इसके लिए मरम्मत के लिए आग्रह किया गया। इस पर लगभग 5 करोड़ रुपये के व्यय होने का अनुमान है।
दीवार की मरम्मत का कार्य मानसून के बाद शुरू किया जाएगा। मंदिर के ठीक पीछे ग्लेशियर है। इससे मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की संस्था डीजीआई को कंसल्टेंट का जिम्मा सौंपा गया है। मंदिर को किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिए ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है।
बता दें कि केदारनाथ धाम की तर्ज पर बदरीनाथ धाम के विकास के लिए महायोजना तैयार की गई है। बदरीनाथ धाम का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। केदारनाथ धाम के विकास की योजना की तरह बदरीनाथ धाम को तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विकसित किया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर कई योजनाएं शामिल हैं। इस पर राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है।