मनीष सिसोदिया की मदन कौशिक को खुली बहस की चुनौती,पूछे पांच सवाल 

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आप पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और रोजगार के मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के खुली बहस के निमंत्रण को स्वीकार किया है। सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि प्रदेश सरकार बहस के लिए समय और स्थान तय करे। वे स्वयं जन हित के पांच मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आएंगे।उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर आए आप पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने त्रिवेंद्र सरकार को चार सालों में प्रदेश के लोगों के हित में किए गए पांच काम गिनाने और खुली बहस करने की चुनौती दी थी। सिसोदिया के इस बयान पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने पांच काम नहीं जनहित में सैकड़ों को काम किए है।उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और रोजगार के मुद्दे पर आप नेताओं को खुली बहस का निमंत्रण दिया था। सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मुझे खुशी है कि उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने खुली बहस का निमंत्रण दिया है। सरकार समय और स्थान तय कर बता दे, वे स्वयं बहस में आएंगे।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पांच काम के सवाल पर उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है। एक ओर, मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर बहस के लिए जगह और समय बताने को कहा है तो दूसरी ओर शासकीय प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दिल्ली या उत्तराखंड में आमने-सामने बैठकर जवाब देने की बात कही है।हमारी सरकार ने जनहित में पांच नहीं 500 से ज्यादा योजनाएं शुरू कीं। इन सभी योजनाओं पर बहस करने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चाहे तो यहां आ जाएं या फिर हमें दिल्ली बुला लें। हम हर सवाल का जवाब देंगे। यह बात सिसोदिया के मुख्यमंत्री से पांच काम गिनवाने के सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कही।मदन कौशिक ने कहा कि उनकी सरकार ने चार साल में 500 से ज्यादा जनहित की योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि शायद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री खुद कुछ योजनाएं शुरू नहीं कर पाए होंगे, इसलिए वह हमसे योजनाएं जानना चाह रहे हैं ताकि अपने प्रदेश में भी इन्हें लागू कर सकें।उन्होंने कहा कि वह सभी कामों की पूरी जानकारी डाक के माध्यम से उन्हें भेज रहे हैं। इसके साथ ही वह जहां चाहें, बहस कर सकते हैं। चाहे तो दिल्ली बुला लें या फिर यहीं आ जाएं। हम हर सवाल का जवाब देंगे। जब काम गिनवाएंगे तो दिल्ली सरकार को पता चलेगा कि हमारी सरकार, उनसे बेहतर है।

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