देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मुस्लिम धर्म गुरुओं ने प्रदेश की सभी मस्जिदों और मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने की पेशकश की है। इसके अलावा मस्जिदों में कोविड कंट्रोल रूम स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया जाएगा। रविवार को मुस्लिम धर्म गुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिलकर इन प्रस्तावों पर चर्चा करेगा। इसके बाद कोविड केयर सेंटर में तब्दील मदरसों की हेल्पलाइन नम्बर की सूची भी जारी की जाएगी।
शनिवार को पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद में शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उलेमाओं और के साथ मुस्लिम संगठनों की एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कोरोना से उपजी परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि राज्य में 421 मदरसे मदरसा बोर्ड से संबद्ध हैं, जबकि तकरीबन 700 मस्जिद पंजीकृत हैं।
शहर काजी ने कहा कि वर्चुअल बैठक में आम सहमति से यह निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं यह भी सुझाव आया कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने वाहनों को एंबुलेंस के तौर पर उपयोग के लिए देंगे। इस पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही रक्तदान शिविर, आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करवाने और जरूरतमंदों को खाने के पैकेट के साथ ही सूखा राशन वितरित करने का भी प्रस्ताव है।
उन्होने कहा कि संकट की इस घड़ी में मुस्लिम समुदाय हर तरह की मदद के लिए तैयार है। देहरादून स्थित माजरा मदरसा के नाजिल मोहम्मद शाकिब कासमी ने कहा कि महामारी किसी मजहब को नहीं देखती, यह वक्त इंसानियत की खिदमत का है। सभी समुदाय मिलकर इसका मुकाबला करेंगे। इस मौके पर पूर्व दर्जाधारी शादाब शम्स लताफत हुसैन, मुफ्ती ताहिर और मौलाना शाकिर भी उपस्थित थे।