देहरादून एसटीएफ ने दून में सक्रिय कबूतरबाजी (विदेश भेजने का झांसा देने वाले) गैंग पकड़ा है। आरोपी बाकायदा एक एजेंसी चलाते थे और युवाओं को नौकरी का फर्जी नियुक्तिपत्र भी देते थे। इसमें एजेंसी के संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। एजेंसी के दफ्तर से पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि तीन युवकों ने अपने साथ हुई ठगी की सूचना दी थी। इस पर राजपुर रोड स्थित होटल मधुबन के सामने कैरी कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एजेंसी पर छापा मारा गया। पता लगा था कि यहां से युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर फर्जी चयन सर्टिफिकेट, नियुक्तपत्र भी दिए जा रहे हैं। यह एजेंसी तीन लोग चला रहे थे।
एजेंसी के पंजीकरण के बारे में पता किया गया तो उनके पास कोई दस्तावेज नहीं मिला। एसटीएफ ने मौके से राम शर्मा निवासी मंडी डबवाली, सिरसा हरियाणा, प्रदीप कुमार निवासी फूलटाउन, भटिंडा पंजाब और सीमा शुक्ला निवासी चमकौर साहिब, रोपड़ पंजाब को पकड़ा गया। इनके पास से सिंगापुर की स्टैंमफोर्ड कंपनी का फर्जी नियुक्तिपत्र व अन्य दस्तावेज मिले हैं।
आरोपियों के खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कर रविवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
चंडीगढ़ में भी थी एजेंसी, डेढ़ माह पहले आए दून
आरोपियों ने चंडीगढ़ में भी रेफोर्ड इमिग्रेशन सर्विस नाम से एजेंसी खोली थी। यहां उन्होंने हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के युवाओं से लाखों रुपये ठगे थे। इसके बाद वहां एजेंसी बंद कर भाग निकले। करीब डेढ़ माह पहले ही उन्होंने देहरादून में यह कार्यालय खोला था। प्रदीप कुमार दिल्ली में भी एक मुकदमे में जेल जा चुका है। एसटीएफ के अनुसार इन्होंने अब तक उत्तराखंड और अन्य राज्यों में 500 से ज्यादा युवाओं को ठगा है। वास्तविक संख्या पता लगाने के लिए एसटीएफ दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
आरोपियों के कार्यालय से एसटीएफ ने बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए हैं। मौके पर फर्जीवाड़े से बनाए गए 35 चयन पत्र, 36 पासपोर्ट, दो कैश बुक, दो लैपटॉप, 310 एप्लीकेशन फॉर्म, 520 विजिटिंग कार्ड, 15 मेडिकल रिपोर्ट, नौ आधार कार्ड और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं।