मांगें पूरी न होने से ऊर्जा निगमों के हड़ताली कर्मचारियों में रोष, स्विच ऑफ किए मोबाइल

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14 सूत्री मांगों के समर्थन में तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने शनिवार शाम पांच बजे से अपने सरकारी मोबाइल ऑफ कर दिए हैं। जो अगले दिन दस बजे तक बंद रहेंगे। इसके अलावा छह अक्तूबर से हड़ताल पर जाने का एलान किया गया। चेताया कि जब तक लंबित समस्याओं पर कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। 31 अगस्त से शुरू किया था आंदोलन
इससे पहले शनिवार को देहरादून सहित राज्य के सभी जनपदों में तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने पावर हाउस, बांध, बैराज, ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के विभिन्न बिजली घरों पर 10 बजे से 12 बजे तक गेट मीटिंग की। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 31 अगस्त से आंदोलन शुरू किया था।अब प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को गेट मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। गेट मीटिंग में निर्णय लिया गया कि 23, 25 और 27 सितंबर को तीनों ऊर्जा निगमों के मुख्यालयों पर एक दिवसीय सत्याग्रह किया जाएगा। पांच अक्तूबर तक भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो छह अक्तूबर से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। सभा में ऊर्जा विभाग में सभी ट्रेड यूनियन और एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

27 जुलाई को बैठक में 14 सूत्रीय मांगपत्र पर समझौता हुआ था।
सभा में इस बात पर आक्रोश प्रकट किया गया कि 27 जुलाई को कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 14 सूत्रीय मांगपत्र पर समझौता हुआ था। समझौते के बाद भी तीनों ऊर्जा निगम की ओर से कर्मचारियों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया।

इस दौरान मोर्चा संयोजक इंसारूल हक, सह संयोजक राकेश शर्मा, जेसी पंत अमित रंजन, डीसी ध्यानी, पंकज सैनी, भानु जोशी, कार्तिकेय दुबे, अनिल मिश्रा, विनोद कुमार ध्यानी, विनोद कवि, नत्थू सिंह, राजेश मोगरा, संदीप शर्मा, आनंद सिंह रावत, राकेश नेगी, प्रदीप कंसल, प्रमोद कुमार केहर सिंह गोविंद प्रसाद नौटियाल आदि ने प्रतिभाग किया।

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