देहरादून। संवाददाता। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के प्रति जागरुकता फैलाने के नाम पर देहरादून में 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाए जाने से शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर विकासनगर तक लोग परेशान रहे। देहरादून की सिटी बसों को भी इस अभियान में झोंक दिया गया था और इसकी वजह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चैपट हो गई थी। क्या देहरादून, क्या विकासनगर नगर निगम के रिकॉर्ड बनाने की चाहत में लोगों का पूरा दिन अस्त-व्यस्त रहा।
अभियान की सफलता के लिए लगीं सिटी बसें
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए बनाई गई मानव श्रृंखला से पूरा शहर परेशान रहा। कॉलेज, ऑफिस जाने वाले हर व्यक्ति को रूट डायवर्जन से दिक्कतें पेश आईं। सबसे ज्यादा दिक्कत इसलिए आई क्योंकि शहर की 180 सिटी बस को मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए लगा दिया गया था। इसके चलते लोग न तो ऑफिस समय पर पहुंच पाए और न ही कॉलेज।
देहरादून नगर निगम के आदेश के बाद राजधानी में चलने वाली 90 फीसदी सिटी बसों को सुबह 8 बजे से लेकर 12 बजे तक लोगों को मानव श्रृंखला के लिए लाने- ले जाने के काम में लगाया दिया गया था। लक्ष्य एकदम साफ था कि अभियान को सफल बनाया जाए, चाहे लोग कितने ही परेशान हों।
पहले ही कह दिया था कर लें व्यवस्था
सिटी परिवहन महासंघ ने पहले ही लोगों को कह दिया था कि अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर लें लेकिन एसएसपी की ‘एमरजेंसी में ही बाहर निकलने’ की अपील की तरह यह बात भी ज्यादातर लोगों को पता नहीं चली। इसकी वजह से लोग सुबह से ही परेशान नजर आए।