उत्तराखंड में मानसून की औपचारिक विदाई की घोषणा बाकी है। लेकिन, मानसून की अवधि पूरी हो चुकी है और अब पोस्ट मानसून सीजन शुरू हो गया है। पहले भी पोस्ट मानसून सीजन तक मानसून की विदाई हुई है। विदाई की घड़ी आने से पहले ही इस बार यहां 98 फीसदी बारिश हो चुकी है। यानी अनुमान के मुताबिक ही मानसून सामान्य रहा।
मानसून के आखिरी माह सितंबर में राज्यभर में 210.5 एमएम अच्छी बारिश मिली, जो सामान्य से दस फीसदी अधिक है। चम्पावत (-37%), पौड़ी (-34%) और हरिद्वार (-23%) को छोड़ दिया जाए तो बाकी जिलों में अच्छी बारिश हुई। बागेश्वर (सामान्य से 162% अधिक), चमोली (सामान्य से 67% अधिक) बारिश के मामले में अव्वल रहे।
अल्मोड़ा (-3%), देहरादून (-11%), टिहरी (-6%), नैनीताल (-12%), पिथौरागढ़ (-7%), रुद्रप्रयाग (-16%), यूएसनगर (-13%) और उत्तरकाशी (-16%) में ठीकठाक बारिश हुई। मौसम निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, मानसून सामान्य रूप से 30 सितंबर तक रहता है। इसकी विदाई की घोषणा आगे-पीछे हो सकती है।
अब मानसून की विदाई का इंतजार
मौसम निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, राजस्थान से 18 सितंबर के बाद मानसून विदा होने लगता है। उसके बाद 10 से 15 दिनों की अवधि में कभी भी राज्य में मानसून विदाई मान ली जाती है। लेकिन, मानसून अभी वहां से विदा नहीं हुआ है। उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता के आगे बढ़ने की संभावना फिलहाल नहीं दिखती। औपचारिक घोषणा केंद्र से होगी।
12 साल में उत्तराखंड में बारिश
वर्ष वास्तविक (एमएम) सामान्य (एमएम) प्रतिशत (%)
2010 1690.3 1212.7 39.3
2011 1454.3 1229.2 18.3
2012 1122.3 1229.2 -8.7
2013 1372.8 1229.2 11.7
2014 897.7 1229.2 -27
2015 881.6 1229.2 -28.3
2016 1103.8 1229.2 -10
2017 1199 1229.2 -2
2018 1194. 1229.2 -3
2019 960.2 1176.9 -18
2020 943.1 1176.9 -20
2021 1153.4 1176.9 -2
कब आया और कब गया मानसून
वर्ष कब आया कब हुई विदाई
2017 02 जुलाई 11 अक्तूबर
2018 28 जून 01 अक्तूबर
2019 05 जुलाई 11 अक्तूबर
2020 24 जून 30 सितम्बर
2021 13 जून जारी