मिसाल बनीं पैरा एथलीट साक्षी, अपनी कहानियों से दूसरों को भी दे रहीं हौसला

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Dehradun News Para athlete Sakshi Chauhan become an example encouraging others with her stories

अपने खेल से देश का नाम रोशन करने वाली व्हीलचेयर बास्केटबाल खिलाड़ी साक्षी चौहान अब अपनी कहानियों से दूसरों को भी हौसला दे रही हैं। साक्षी व्हीलचेयर बास्केटबाल खिलाड़ी होने के साथ मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक भी हैं। साक्षी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित हुए सातवें नेशनल चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था।

मूल रूप से टिहरी गढ़वाल निवासी साक्षी अपने परिवार के साथ ऋषिकेश में रहती हैं। यहीं से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अब साक्षी डीएवी पीजी कॉलेज से मास्टर की पढ़ाई कर रही हैं। साक्षी ने बताया, खेल के साथ दिव्यांग लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए वह मोटिवेशन स्पीकर के तौर पर कहानियां सुनाती हैं। ताकि वह भी अपनी क्षमता की पहचान कर अपनी अलग पहचान बना सकें। उन्होंने बताया, कैंप के दौरान या जब भी उन्हें मौका मिलता है वह दिव्यांगों के लिए कार्यक्रम का आयोजन कर कहानियां सुनाती हैं। वर्तमान में साक्षी नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ इंप्लॉयमेंट फॉर डिसेब्लड पीपल (एनसीपीईडीपी) में एक फेलोशिप भी कर रही हैं। यह संस्था विकलांग लोगों के लिए काम करती है।

बचपन से था शौक, लेकिन नहीं खेला कोई भी खेल
साक्षी को बचपन से खेल का शौक था लेकिन साल 2005 में हुए सड़क दुर्घटना में साक्षी के पैरों में चोट लग गई। इसके बाद उनकी जिंदगी में एक कठिन दौर आया। हालांकि इससे उबरकर 2018 से खेलना शुरू किया और इसी साल हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में वह महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती हैं और सातवें नेशनल चैंपियनशिप में उनकी टीम ने सभी सात मुकाबला में जीत दर्ज की।

उत्तराखंड में न मिली सुविधा न मिला कोच
साक्षी अपने प्रदेश उत्तराखंड के लिए खेलना चाहती है। लेकिन उत्तराखंड में उन्हें न सुविधा मिल पा रही हैं और न ही कोई कोच। इसी वजह से वह महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के साथ यहीं अभ्यास भी करती हैं। साक्षी ने कहा, भविष्य में वह उत्तराखंड के खिलाड़ियों को व्हीलचेयर बास्केटबाल की बारीकियां सिखाना चाहती हैं।

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