देहरादून । उत्तराखंड की सियासत में उथल पुथल के केंद्र में रहे पूर्व सीएम हरीश रावत और अब भाजपा में शामिल कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर से आमने-सामने हैं। सीबीआई की ओर से दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से यह स्थिति बनी है।
इतना साफ है कि इस पूरे प्रकरण में हरीश रावत की निगाह कोर्ट पर है और हरक सिंह सीबीआई के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को अपने फेसबुक पेज पर समर्थकों को यह संकेत देने की कोशिश भी की।
हरीश रावत ने लिखा कि उन्हें ईश्वर और न्याय के देवता पर पूरा भरोसा है। इससे पहले भी हरीश रावत न्याय के देवता पर आस्था जता चुके हैं। हाईकोर्ट में उनके मामले में सीबीआई को गिरफ्तारी की अनुमति भी नहीं दी थी।
दूसरी ओर, हरक सिंह रावत की निगाह अब सीबीआई जांच पर है। हरक का दावा भी है कि सीबीआई की जांच में साबित हो जाएगा कि वे पूरी तरह से बेदाग हैं। वे जांच में सहयोग करेंगे।
हरक ने बृहस्पतिवार को इस मामले में पूछे जाने पर कहा कि उनके लिए मंत्री पद मायने नहीं रखता। हरक का इशारा उस आरोप की ओर है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने विधायकों की खरीद फरोख्त में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से अपने लिए उपमुख्यमंत्री पद मांगा था।
सीबीआई ने हरक सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है, लिहाजा हरक समर्थक भी दबाव महसूस कर रहे हैं। हरक के साथ परेशानी ये भी है वे भाजपा में कांग्रेसी भाजपाई हैं। इतना होने पर भी हरक के सुर तल्ख ही हैं।