मुख्यमंत्री के लिए हरीश रावत के चेहरे को फिर खारिज किया इन दो कांग्रेस के दिग्गजों ने

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विधानसभा चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित करने के पूर्व सीएम हरीश रावत के सुझाव को नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने गुरुवार को फिर खारिज कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने तल्खी के साथ कहा कि इस वक्त चुनाव की चिंता की जानी चाहिए न कि चेहरे की। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने कहा कि वो हाईकमान के फैसले के साथ खड़े होंगे। चाहे वो सामुहिक नेतृत्व हो या फिर सीएम का चेहरा तय करने का निर्णय। दून में राजीव भवन में ज्वाइन कांग्रेस सोशल मीडिया कैंपेन की लांचिंग के बाद मीडिया से बातचीत में इंदिरा ने कहा कि पिछली बार चुनाव भी चेहरे पर ही भी किया गया है।
जिस चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था, वो प्रदेश के मुखिया भी थे और हम लोग महज 11 पर रहे गए। और वो खुद भी दोनों सीट से चुनाव हार गए। इसलिए बेहतर यह होगा कि बार-बार इस बात को कहना बंद करें और सोनिया-राहुल के नेतृत्व के सामुहिक रूप से पार्टी को चुनाव जिताने के प्रसास करें। हाईकमान के स्तर से गठित कोर्डिनेशन कमेटी पर इंदिरा ने कहा कि, जब तक मैं नहीं हम की भावना नहीं रहेगी, तब तक कुछ नहीं हो सकता है। चेहरे पर चुनाव लड़ना कांग्रेस की परिपाटी नहीं है। हाईकमान का रुख बिलकुल साफ है कि सामुहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़े जाएंगे।वही कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अनुसार
प्रदेश प्रभारी कई बार इस बात को साफ कर चुके हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है। उन्होंने चेहरे पर चुनाव लड़ने का सुझाव भर दिया है। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। इसे मन या मतभेद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। कहा कि कांग्रेस के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के लिए पहले फोकस करना चाहिए। चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए सभी की राय को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि कांग्रेस पार्टी विजयी घोषित हो सके।

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