2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ दो-दो हाथ करने का मन बना चुकी है। पार्टी की नजरें मुख्यमंत्री के उपचुनाव पर टिकी हैं। गंगोत्री की रिक्त सीट या अन्य किसी भी सीट से मुख्यमंत्री विधानसभा उपचुनाव में उतरेंगे, प्रमुख विपक्षी दल उन्हें घेरने की रणनीति बना चुका है।
प्रदेश में भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही कांग्रेस मुखर है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले प्रमुख विपक्षी दल यह संदेश देना चाहता है कि वह पुरजोर मुकाबले को तैयार है। यही वजह है कि तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके नेतृत्व में पहली दफा हुए सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी। अगले साल होने वाले चुनाव से महज कुछ महीने पहले यह चुनाव हुआ। इसमें चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से लेकर प्रदेश के तमाम दिग्गज कूदे। ये अलहदा बात है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस की हार का अंतर पिछले चुनाव से ज्यादा हो गया। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह शिकस्त झेलनी पड़ी। अब तक के चुनाव में ऐसा पहली दफा हुआ जब कांग्रेस को महज 11 सीट तक सिमट जाना पड़ा था। अब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस की विधानसभा में सदस्य संख्या फिलहाल 10 हो चुकी है। भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत से असहज कांग्रेस अब आगे आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी उपचुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। पार्टी इसे मुख्य चुनावी जंग के पूर्वाभ्यास के तौर पर ले रही है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत वर्तमान में सांसद हैं। उन्हेंं विधानसभा में पहुंचने के लिए उपचुनाव लड़ना है। ऐसे में सत्तारूढ़ दल उनके लिए विधानसभा सीट की तलाश में जुटा है।भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत के निधन से रिक्त हुई गंगोत्री विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने पर मंथन चल रहा है। इसे देखते हुए कांग्रेस भी जवाबी तैयारी में जुट गई है। हालांकि भाजपा और मुख्यमंत्री की ओर से उपचुनाव को लेकर तस्वीर साफ होने के बाद ही कांग्रेस भी अपने पत्ते खोलेगी। गंगोत्री सीट से कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण का चुनाव लड़ना तकरीबन तय है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस सीट से चुनाव लड़ने की स्थिति में कांग्रेस इस जंग को रोचक बनाने में कसर नहीं छोड़ने वाली है। कांग्रेस के साथ ही पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण भी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को लेकर रुख साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।