देहरादून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आज अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में वेबिनार के माध्यम से लाइव जुड़े। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में कुंभ, चारधाम यात्रा, पर्यटन और उद्योगों को लेकर प्रदेश के कई विद्वानों से सीधी बात की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से 22 मार्च से किए गए लॉकडाउन का हमने भी सख्ती से पालन कराया। सीमाओं पर चैकसी बढ़ाई गई और पुलिस ने भी सख्ती से काम लिया। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में अभी स्थिति संभली हुई है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बीच जनता और शासन प्रशासन के अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा देकर पूरा सहयोग दिया है। कई अधिकारियों ने अपना 15 दिन का वेतन दिया तो किसी ने एक महीने का भी वेतन दे दिया। जनता ने भी अपनी जमा-पूंजी से इसमें पूरा सहयोग किया। इससे मुख्यमंत्री राहत कोष में 154.56 करोड़ रुपये आए हैं। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि सरकार कोष के एक-एक पैसे का हिसाब जनता को देगी। ऐसा अभी तक किसी भी प्रदेश ने नहीं किया गया है। उत्तराखंड पहला राज्य होगा जो इसका हिसाब जनता को देगा।
कोरोना से लड़ने को तैयार है प्रदेश
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड कोरोना से लड़ने को पूरी तरह से तैयार है। बस चिंता इस बात की थी कि यहां सामुदयिक संक्रमण न फैल जाए। इसके लिए पहले से ही कोविड हॉस्पिटल बनाए, कोविड केयर सेंटर भी तैयार किए। क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। 400 डॉक्टरों को इसके लिए अलग से प्रशिक्षित किया गया। बीस से ज्यादा ट्रूनेट मशीन मंगाई है। कहा कि कोविड से लड़ने के बीच कोशिश है कि प्रदेश में हर किसी व्यक्ति को दो समय का भोजन मिलता रहे।
तीन लाख से ज्यादा प्रवासी आए उत्तराखंड
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि कोरोना संकट के बीच 3, 27000 प्रवासियों ने घरवापसी की डिमांड की। उन्हें भी हम प्रदेश में वापस लाए हैं। इतना ही नहीं उनके लिए स्वरोजगार की भी व्यवस्था की है। इसके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अमल में लाई गई। इसमें रोजगार के लिए लोन देने के साथ ही सब्सिडी भी दी जा रही है। सरकार ने 100 से ज्यादा रूरल ग्रोथ सेंटर शुरू किए गए हैं। 670 ग्रोथ सेंटर बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
संवाद में इन्होंने रखे अपने सवाल और दिए सुझाव
संवाद में अमर उजाला नैनीताल से प्रो. अजय रावत (प्रसिद्ध पर्यावरणविद, इतिहासकार, संस्कृति के जानकार), राधा बहन (सामाजिक कार्यकर्ता, गांधी शांति प्रतिष्ठान की पूर्व अध्यक्ष, जमनालाल बजाज पुरस्कार प्राप्त), कुमाऊं-गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक बंसल, सीआईआई उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय, उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल, डीडी जोशी, ने सीएम से सीधे सवाल भी किए और अपने सुझाव भी दिए।
पर्वतीय कृषि योजनाओं पर ध्यान देना जरूरी
प्रसिद्ध पर्यावरणविद, इतिहासकार अजय रावत ने पूछा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अभी तक 15 हजार लोगों ने ही स्वरोजगर के लिए आवेदन किया है। इतने कम आवेदनों का क्या कारण रहा? अजय रावत ने कहा कि स्वरोजगार के लिए हमें पर्वतीय कृषि पर भी ध्यान देना हो। होर्टिकल्चर को भी बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ ही फैक्ट्री में मजदूरों के लिए सुरक्षा प्लान नहीं है। उस पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। सीएम ने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री था तो हमने अपणु बाजार शुरू किया था। यह प्रदेश के कई जिलो में हैं। इंडस्ट्री के लिए लाइसेंस अब पूरी जांच पड़ताल के बाद ही दिया जाता है।
दूरस्त क्षेत्रों की सुविधाओं पर ध्यान देना जरूरी
सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय ने कहा कि लॉकडाउन में उद्योग कम हुआ है। समस्याएं जरूर हैं, लेकिन प्रदेश सरकार जिस तरह से इस पर काम कर रही है उम्मीद है जल्द ही ये दोबारा दुरुस्त होगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में फंडिंग को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। वहीं बैंको को भी चाहिए कि वे लोन देने के लिए खुद सामने आएं। लोगों को जागरुक करने के लिए हर जिले में एक एक्सपर्ट की टीम बननी चाहिए। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योजना में फंड की कोई कमी नहीं है।
वुड वर्क को मिले बढ़ावा
सामाजिक कार्यकर्ता राधा बहन ने कहा कि पहले वुड वर्क होता था। वह केवल नक्काशी ही नहीं होती थी बल्कि वह एक संदेश भी देता था। अब यह कारोबार कम होता जा रहा है। प्रवासी महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार काम दें। महिलाओं को जोड़ेंगे तो रोजगार सृजन की राह निकलेगी।
इज ऑफ डूइंग सेल्फ बिजनेस को मिले बढ़ावा
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने कहा कि आपदा अवसर भी लेकर आती है। हमें इस काल को अवसर में बदलना होगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाएं। इसके साथ ही इज ऑफ डूइंग सेल्फ बिजनेस शुरू करने पर भी ध्यान दें। कुमाऊं-गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक बंसल ने कहा कि हमें ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए। रोजगार छोटा हो या बड़ा वह रोजगार और राजस्व जरूर देता है।
कोरोना से ठीक होने वालों को होटल में देंगे 50 फीसदी डिस्काउंट
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, ने कहा कि कोविड महामारी ने लोगों को खौफ में डाल दिया है। लाखों लोग इसकी चपेट में हैं। इसलिए उत्तराखंड होटल एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि अगर कोई भी व्यक्ति जो कोरोना से ठीक हो गया है और वह उत्तराखंड आकर कुछ दिन बिताना चाहता है तो उन्हें होटल की बुकिंग पर 50 फीसदी डिस्काउंट दिया जाएगा।