मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद सचिवालय संघ ने खत्म की हड़ताल, आज नियत समय पर खुले अनुभाग

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विभिन्न मांगों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जल्द कार्रवाई के आश्वासन के बाद सचिवालय संघ ने हड़ताल खत्म कर दी। दो दिन की हड़ताल के बाद अब आज से नियत समय पर सभी अनुभाग खुले।

बुधवार रात अध्यक्ष दीपक जोशी व महासचिव विमल जोशी के नेतृत्व में सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संघ की सभी मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सचिवालय संघ ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया।

सभी अनुभाग तय समय से खुले
बताया गया कि अब आज से सचिवालय में सभी अनुभाग तय समय से खुले। इससे पहले विभिन्न मांगों के पूरा न होने से नाराज सचिवालय कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार को अनुभागों में सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारी तो पहुंचे, लेकिन सचिवालय में कामकाज की गति बेहद धीमी दिखी। सचिवालय प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों के एचओडी को कर्मचारी भेजने के निर्देश दिए। उधर, वाहन चालक संघ और सचिवालय सुरक्षा संगठन ने भी हड़ताल को समर्थन दे दिया।

सचिवालय प्रशासन की ओर से हड़ताली कर्मचारियों के परिसर में प्रवेश पर रोक का असर नजर आया। हड़तालियों को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारियों को घोषणा पत्र के आधार पर सचिवालय में प्रवेश दिया गया। हड़ताली कर्मचारी सचिवालय गेट के आसपास ही एकत्र हुए और अपना विरोध जताया। दो बजे तक सभी यहां जमे रहे और इसके बाद लौट गए। उधर, सचिवालय परिसर में सन्नाटा पसरा नजर आया। अधिकारियों और उनके कुछ मातहतों को छोड़ दें तो करीब सभी अनुभागों में ताले लटके मिले। कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

हालांकि सरकार ने विभिन्न विभागों से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कर्मचारी भेजने के आदेश दिए हैं। सचिवालय संघ से जुड़े सदस्यों ने दो बजे तक प्रदर्शन, हड़ताल करने के बाद लौट गए। सचिवालय संघ के महासचिव विमल जोशी ने हड़ताल खत्म होने की पुष्टि की है। वहीं, इससे पहले सचिवालय प्रशासन के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कर्मचारी भेजने के निर्देश जारी किए कर दिए थे। ताकि कामकाज सुचारू रहे।

किसी के खिलाफ कार्रवाई की तो नहीं चलाएंगे वाहन
सचिवालय संघ के घटक वाहन चालक संघ और सुरक्षा कर्मचारियों ने भी हड़ताल को समर्थन दे दिया है। उन्होंने अपने विभागों में आंदोलन का नोटिस दिया है। साथ ही कहा है कि आंदोलनकारी किसी भी कर्मचारी पर अगर कार्रवाई की गई तो वह वाहन चलाना बंद कर देंगे। सुरक्षा की जिम्मेदारी से भी हाथ पीछे खींच लेंगे।

शिक्षक संघ ने शासनादेश का विरोध किया
अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने सचिवालय कर्मचारियों पर नो वर्क-नो पे का नियम लागू करने का विरोध जताया है। शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा कि यदि किसी भी राज्य में सरकार की ओर से शिक्षक-कर्मचारियों का उत्पीड़न किया गया तो हमें मजबूरन देशव्यापी आंदोलन करना पड़ेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक कर्मचारियों की मांगों को वार्ता के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

शिक्षक संघ के महामंत्री सुभाष चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार की ओर से शिक्षक-कर्मचारियों की कोई मांग नहीं मानी जा रही है, जिससे उनमें भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार का यही अड़ियल रवैया रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

 

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