देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रदेशवासियों को सुशासन दिवस के अवसर पर बधाई व शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने क्रिसमस एवं नव वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य में जीरो टोलरेन्स नीति के अन्तर्गत ईमानदारी व सुशासन की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुये सरकारी काम काज में गुणवत्ता, समयबद्धता तथा उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने तथा जनसेवाओं को प्रदेश के नागरिकों को ई-गवर्नेस के माध्यम से प्रदान किये जाने हेतु विगत वर्षों में सुशासन हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। सरकार के इन प्रयासों से जहाँ भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आयी है, वहीं पारदर्शी उत्तरदायी तथा जनोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकी है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सी.एम. डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष‘ 205 ‘‘की परफोर्मेंस इंडीकेटर्स‘‘ के आधार पर 32 विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री द्वारा रियल टाईम मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य के नागरिकों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु सी.एम. हैल्पलाईन 1905 की स्थापना की गयी है, जिसमें समयबद्ध रूप से सम्बन्धित विभागों के उत्तरदायी अधिकारियों द्वारा शिकायतों का निराकरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घण्टे से लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है। विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारी की सीधी जिम्मेदारी तय की गयी है। शिकायतकर्ता के सन्तुष्ट न होने तक शिकायत का निस्तारण नहीं माना जाता है। वर्ष 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवायें अधिसूचित थीं, जिन्हें वर्तमान में बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवायें अधिसूचित की गयी हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत सुदूर क्षेत्रों में पब्लिक सर्विसेज प्रदान किये जाने हेतु सरकारी कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 2017 में ट्रांसफर एक्ट लागू किया गया है। इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही, राज्य में नीतिगत निर्णय लिये जाने एवं उनको समयबद्ध, पारदर्शी तथा उद्देश्यपरक रूप से लागू किये जाने हेतु मंत्रिमण्डल की बैठक हेतु समस्त प्रस्ताव ऑनलाईन पेपरलेस व्यवस्था के अन्तर्गत प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गयी है। शासन की कार्यप्रणाली में ई-ऑफिस प्रणाली के अन्तर्गत समयबद्धता, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने हेतु प्रथम चरण में 27 विभाग शामिल किये गये हैं। सचिवालय के साथ ही नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की गयी।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की न्याय पंचायतों द्वारा सम्पादित किये गये कार्यों को समयबद्ध रूप से लागू करने एवं उनका अनुश्रवण करने हेतु राज्य में ई-पंचायत सुविधा लागू की गयी है। ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन हेतु नागरिकों को निर्गत किये जा रहे प्रमाण पत्र एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित करके डिजिटल लॉकर में संचित किये जाने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है, जिसे आम नागरिक शासकीय विभागों से सेवा प्राप्त करने हेतु उपयोग कर सकेगा वर्तमान में राज्य में लगभग 3.0 लाख नागरिकों द्वारा डिजिटल लॉकर बनाये गये हैं। राज्य की कुल आबादी के 99.8 प्रतिशत निवासियों को आधार कार्ड निर्गत किये गये हैं। नागरिकों को निर्गत आधार कार्ड के माध्यम से शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदत्त कराया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 32 नागरिक सेवायें ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से प्रदान की जा रही है। शीघ्र ही सेवा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत शामिल सभी सेवाओ को डिजिटल माध्यम से ‘‘अपणि सरकार‘‘ के माध्यम से दिये जाने की योजना है। इसके साथ ही, प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण डीबीटी के माध्यम से नागरिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 30 विभागों की 21 योजनाओं में 1394 करोड़ रूपये की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में जमा करायी गयी है जिससे जहाँ एक और शत-प्रतिशत धनराशि लाभार्थियों तक पहुंची है वहीं राज्य को भी अब तक लगभग 338 करोड़ रूपये की प्रत्यक्ष बचत हुई है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 30 विभागों की 200 सेवाएं ईज ऑफ डुइंग बिजनेस साफ्टवेयर के माध्यम से सिंगल विण्डो सिस्टम से सम्बद्ध हैं। कोई भी निवेशक एकल खिड़की व्यवस्था के माध्यम से विभिन्न विभागों की सेवाओं हेतु आवेदन कर निर्धारित समय में स्वीकृति प्राप्त कर सकता है। इनवेस्ट इण्डिया द्वारा प्रायोजित इनवेस्टमेंट प्रोमोशन एजेन्सी (आईपीए) रैकिंग में उत्तराखण्ड टॉप परफार्मर है। बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान रैंकिंग में 98 प्रतिशत अनुपालन के साथ उत्तराखण्ड 11वें नम्बर पर है। इसके साथ ही, राज्य में उत्कृष्ट कार्य संस्कृति विकसित करने एवं कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सुशासन पुरस्कार की शुरूआत की गयी है। जो प्रतिवर्ष 25 दिसम्बर को उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रदान किये जाते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राज्य के नागरिकों को अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत 5 लाख रूपये की कैश लैस निशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान में 40 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं तथा योजना लागू होने के उपरान्त 2 लाख 35 हजार लाभार्थियों के कैश लैस उपचार पर 230 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में ब्लॉक स्तर तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा स्थापित की गयी है। साथ ही, आगंतुकों की सुविधा के लिये राज्य सचिवालय के लिये एक ऑनलाईन ई-गेट पास प्रणाली लागू की गयी है।