मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में हरिद्वार कॉरिडोर, ऋषिकेश मास्टर प्लान और शारदा कॉरिडोर के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक के दौरान उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) ने उक्त विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर के अंतर्गत सभी प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को शीघ्र धरातल पर उतारने की आवश्यकता है, उनको प्राथमिकता पर लेते हुए कार्य प्रारम्भ किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार एवं उसका धार्मिक महत्त्व भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में रह रहे लोगों की आस्था से जुड़ा है हरिद्वार कॉरिडोर के विकास कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आस्था से जुड़े क्षेत्रों एवं उनके मूल स्वरूप से किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो। उन्होंने योजनाओं से जुड़े हितधारकों से लगातार संवाद किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर के अंतर्गत सभी प्रोजेक्ट पर बजट, कार्यदायी संस्था, उसका रखरखाव सहित समग्र प्लान शीघ्र प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने यूआईआईडीबी को प्रत्येक प्रोजेक्ट की प्रकृति को देखते हुए, उनसे सम्बन्धित विभागों को योजना में शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने हरिद्वार कॉरिडोर के प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के दौरान ब्रह्मकुंड और महिला घाट के क्षेत्र को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सती कुंड के पुनर्विकास कार्य में सती कुंड के ऐतिहासिक महत्त्व और उसकी थीम को बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि नदी दर्शन में अवरोध न उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों की डीपीआर तैयार हो गयी है, उन पर आगे की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए।
मुख्य सचिव ने शारदा नदी रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों की भी प्राथमिकता निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों की प्रकृति के अनुसार सम्बन्धित विभाग द्वारा ही कार्यों को संपन्न कराया जाए। उन्होंने वन भूमि में ईको टूरिज्म गतिविधियों को शामिल किए जाने की भी बात कही। उन्होंने यूआईआईडीबी को जिलाधिकारी चंपावत की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स को भी शारदा कॉरिडोर में शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना में टूरिज्म सर्किट के विकास के साथ ही कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए हेलीपैड और हेलीपोर्ट के प्रावधान रखे जाएं।
मुख्य सचिव ने ऋषिकेश मास्टर प्लान पर चर्चा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऋषिकेश का मोबिलिटी प्लान और पुराना रेलवे स्टेशन के आसपास प्रस्तावित कार्यों को समग्र रूप से तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए हाईड्रोलॉजी सर्वे कराया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए नितांत आवश्यक कार्यों को तत्काल शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर, शारदा रिवरफ्रंट डेवेलपमेंट और ऋषिकेश मास्टर प्लान कार्यों के महत्त्व को देखते हुए शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही शुरू की जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम एवं मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।