देहरादून। उत्तराखंड में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से बंद यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौथे दिन यातायात बहाल कर दिया गया। हालांकि अभी यहां से छोटे वाहनों को ही आने-जाने दिया जा रहा है। इसी के साथ क्षेत्र के 15 गांवों ने राहत की सांस ली। दूसरी ओर सीमा सड़क संगठन की टीम बदरीनाथ धाम के पास रडांग बैंड पर मलबा हटाने का प्रयास कर रही है। पहाड़ी से बार-बार गिर रहे मलबे के कारण बदरीनाथ हाईवे पर चौथे दिन भी यातायात सुचारु नहीं हो पाया है। इसके अलावा पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोडऩे वाला गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग भी बंद है।
भारी बारिश के बीच भूस्खलन की सर्वाधिक मार यमुनोत्री हाईवे पर पड़ी। गुरुवार सुबह यमुनोत्री धाम और बड़कोट के बीच कसला, धरासू, खरादी और खनेड़ी के पास पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया। राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने धरासू, खरादी और खनेड़ी में तो गुरुवार शाम को ही मार्ग साफ कर दिया, लेकिन कसाली में बार-बार दरक रही पहाड़ी ने चुनौती खड़ी कर दी। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि कसाला में 40 से अधिक श्रमिक दिन रात काम करते रहे। आखिरकार शनिवार को भूस्खलन थमने के बाद यातायात बहाल किया जा सका। उन्होंने बताया कि बड़े वाहनों के लिए मार्ग सोमवार से खोल दिया जाएगा।