देहरादून। देहरादून में स्थित बहुविषयक यूनिवर्सिटी यूपीईएस ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिये 91% की दर से अपने वार्षिक प्लेसमेंट्स का जोरदार समापन किया है। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ डिजाइन और स्कूल ऑफ लॉ के 2100 अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को 500 से ज्यादा कंपनियों ने 2800 से अधिक ऑफर्स दिये। कई स्टूडेंट्स को तो नौकरी के बहुत से ऑफर मिले। महामारी के बावजूद, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस ने 100% प्लेसमेंट्स दर्ज किये। स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस को लगातार पाँचवे साल 100% प्लेसमेंट्स मिले हैं।
स्टूडेंट्स की भर्ती विभिन्न उद्योगों में हुई है, मुख्य रूप से शोध एवं परामर्श कंपनियों, आईटी, शिक्षा और शिक्षा-प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टरों में। यूपीईएस के 53% स्टूडेंट्स को प्रमुख पदों और भूमिकाओं वाले जॉब ऑफर्स मिले हैं, जैसे बिजनेस एनालिस्ट, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट, आईओटी डेवलपर, क्वालिटी एनालिस्ट, यूआई/यूएक्स डिजाइनर्स, क्लाउड इंजीनियर्स, फायर एंड सेफ्टी ऑडिटर, टेक्नोलॉजी एनालिस्ट, रिस्क एंड फाइनेंशियल एडवाइजर, गेम प्रोग्रामर्स, ऑपरेशंस एंड मार्केटिंग हेड्स और डोमैन-स्पेसिफिक कंसल्टेन्ट्स।
स्टूडेंट्स को लेने वाली टॉप कंपनियाँ रहीं भारतीय और वैश्विक कॉर्पोरेट्स, जैसे अमेज़न, इंफोसिस, कॉग्निजेंट, डेल, जेडएस असोसिएट्स, वेदांता, फ्लिपकार्ट, एरिक्सन, विप्रो, डेलॉइट, ईवाय, मारुति, लिंक्डइन, जेनपैक्ट, एक्सेंचर, रॉयल एनफील्ड, वीएमवेयर, एक्सॉन मोबिल और हल्लीबर्टन।
यूपीईएस के वाइस-चांसलर डॉ. सुनील राय ने कहा, “खासकर इस अभूतपूर्व समय में और वह भी बिना किसी देरी के प्लेसमेंट्स के ऐसे प्रभावशाली आंकड़े अर्जित करना स्टूडेंट्स और उनके सफल भविष्य के लिये हमारी प्रतिबद्धता का सच्चा प्रमाण है। प्लेसमेंट के आंकड़े तो खुद को बयां कर ही रहे हैं, लेकिन स्टूडेंट्स को कॅरियर के ऐसे मौके देने पर जोर दिया गया है, जो उनके मुख्य प्रोफाइल्स के करीब हों, ताकि उनकी प्रोडक्टिविटी, लर्निंग और काम करने का मजा बढ़े।‘’
उन्होंने आगे कहा, “यूपीईएस केयर्स’ पहल के अंतर्गत, हमने इस साल प्लेसमेंट में उन स्टूडेंट्स को भी सहयोग दिया, जो अपने एकेडमिक ग्रेड्स, क्षमता और प्रयासों की संख्या के कारण योग्यता मानदंड पर खरे नहीं थे। ऐसे स्टूडेंट्स के साथ हमारी कॅरियर सर्विसेज टीम ने ज्यादा मेहनत की, ताकि वे उपलब्ध अवसरों को पा सकें।”
स्टूडेंट्स को उद्योग के लिये तैयार करना
दुनियाभर की संस्थाओं ने ‘न्यू नॉर्मल’ के अनुकूल बनने के लिये अपना पुनर्मूल्यांकन किया है और इसका उनकी नियुक्ति प्रक्रियाओं और उनके द्वारा वांछित कुशलता समूहों पर सीधा प्रभाव हुआ है। यूपीईएस में हुई कैम्पस भर्ती दिखाती है कि इंडिया इंक. को कई कुशलताओं वाले पेशेवर चाहिये, जिन्हें अलग-अलग डोमैन का ज्ञान हो, जो तकनीक के जानकार, अनुकूलता के योग्य और दक्ष हों। इन आवश्यकताओं पर खरा उतरने के लिये, यूपीईएस डोमैन के ज्ञान, तकनीकी विशेषज्ञता, व्यवहार कुशलताओं, जीवन कुशलताओं और उपयुक्तता पर कैम्पस के प्रशिक्षकों और बाहरी विशेषज्ञों के माध्यम से समान रूप से जोर देता है।
एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ के साथ यूजीसी से मान्यता प्राप्त है यूनिवर्सिटी
यूपीईएस की संस्थापना वर्ष 2003 में उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस एक्ट, 2003 द्वारा हुई थी, यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ मिला है। यूपीईएस को वैश्विक रूप से सम्मानित क्यूएस रेटिंग्स द्वारा रोजगारपरकता (प्लेसमेंट्स), शैक्षणिक विकास, प्रोग्राम मजबूती और सुविधाओं के लिए 5-स्टार्स और समग्र शिक्षण के लिए 4-स्टार्स प्राप्त हुए हैं। यूपीईएस अपने सात स्कूलों के माध्यम से उद्योग-संबद्ध और विशेषीकृत ग्रेजुएट तथा पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज की पेशकश करता हैः स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज, और स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया।
इसके उद्योगोन्मुख प्रोग्राम्स और सर्वांगीण विकास पर जोर को देखते हुए यूपीईएस के ग्रेजुएट्स नियोक्ताओं की पहली पसंद हैं और पिछले कुछ वर्षों में प्लेसमेन्ट्स का ट्रैक रिकॉर्ड 90 प्रतिशत से अधिक रहा है। यूपीईएस विद्यार्थियों के उत्कृष्ट परिणाम देने के अपने मुख्य दर्शन और उद्देश्य के आधार पर चलता है। 2021 में इसे एसोचैम द्वारा यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर-नॉर्थ का पुरस्कार दिया गया है।