येलो अलर्ट के बाद पहाड़ से मैदान तक हुई बारिश, कई घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे

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उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। सोमवार देर रात प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश हुई। बारिश के बाद लोगों को उमस से राहत मिली। मसूरी में भी बारिश के बाद कोहरा छाया हुआ है।

वहीं, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटे में तेज बौछारों के साथ भारी बारिश के आसार हैं। इन जिलों में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

मौसम विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। जहां तक राजधानी दून का सवाल है तो राजधानी दून में अगले 24 घंटे में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

जाखन नदी वैकल्पिक मार्ग:  दिनभर बंद, शाम को वाहनों की आवाजाही शुरू
जाखन नदी के अचानक जलस्तर बढने के बाद मंगलवार दिनभर रानीपोखरी का देहरादून से संपर्क कटा रहा। शाम सवा पांच बजे वाहनों की आवाजाही शुरू होने से लोगों ने राहत मिली। दिनभर रानीपोखरी, भोगपुर और डांडी के लोग ऋषिकेश नेपालीफार्म होकर देहरादून पहुंचे।

पर्वतीय क्षेत्रों में सोमवार रात को तेज बारिश होने से मंगलवार तड़के जाखन और बिदालना नदी ऊफान पर आ गई। बिदालना नदी के ऊफान पर आने से भोगपुर और डांडी का संपर्क देहरादून कट गया। रानीपोखरी में जाखन नदी में बनाए गए वैकल्पिक मार्ग के बहने के रानीपोखरी, डांडी और भोगपुर लोगों को वाया नेपाली फार्म होकर देहरादून का सफर तय करना पड़ा।

कई लोग बाइक सवार आसपास के गांवों से रानीपोखरी पहुंचे, जब उन्हें यहां पर वैकल्पिक मार्ग बहने की सूचना मिली तो वह सीधे भोगपुर होते हुए बिदालना नदी के किनारे पहुंचे, नदी का रौद्र रूप देख वहां वापस आकर वाया ऋषिकेश नेपाली फार्म होकर देहरादून पहुंचे। दोपहर 12 बजे का नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ।

उसके बाद बिदालना नदी के बाइक सवार आ जा सके। रानीपोखरी में जिन लोगों को सिटी बस से देहरादून जाना था, उन्हें दोपहर बाद स्थानीय लोगों ने नदी पार करवाया। शाम सवा पांच बजे के बाद छोटे बड़े वाहनों की आवाजाही शुरु होने के बाद लोगों राहत की सांस ली। वहीं जो लोग नेपालीफार्म होकर देहरादून गए जाम में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।

जाखन नदी में बनाए गए वैकल्पिक मार्ग को शाम सवा पांच बजे छोटे बड़े वाहनों के लिए खोल दिया गया है। कुछ दिन बाद मार्ग पर डामर बिछाया जाएगा। नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
– आरसी कैलखुरा, सहायक अभियंता, लोनिवि ऋषिकेश

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