देहरादून। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार से सामान्य मरीज भी भर्ती किए जाएंगे। वहीं, आपातकालीन कक्ष फिलहाल कोरोना मरीजों के लिए ही खुलेगा। व्यवस्था की समीक्षा कर अगले 10-15 दिन बाद कोरोना और गैर कोरोना मरीजों के लिए अलग-अलग आपातकालीन कक्ष शुरू किया जाएगा।
प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने इसकी तैयारी परखने के बाद अस्पताल में मातहतों की बैठक ली। डॉ. सयाना ने बताया कि कोरोना संक्रमण का प्रसार कम हो गया है, लेकिन अब भी लापरवाही नहीं बरतनी है। अस्पताल में पिछले तीन दिन से कोरोना का कोई भी नया मरीज भर्ती नहीं हुआ है।
रविवार को अस्पताल में कोरोना के सिर्फ 24 मरीज भर्ती थे। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सामान्य मरीजों को भर्ती करने के लिए भी पूरी सजगता बरती जाए। कोविड गाइडलाइन का किसी भी तरह से उल्लंघन न हो। उन्होंने बताया कि अभी मेडिसिन, नाक कान गला, मनोरोग, बाल रोग की आईपीडी (इंडोर पैशेंट डिपार्टमेंट) खोली जाएगी।
इसके बाद दूसरे चरण में अन्य आईपीडी खोलने पर विचार किया जाएगा। बैठक में यह भी तय किय गया कि फिलहाल आपातकालीन कक्ष को सामान्य मरीजों के लिए नहीं खोला जाएगा। अस्पताल में कोरोना मरीजों के जनरल वार्ड और 10 बेड के वार्ड को पूरी तरह से अलग किया गया है। बैठक में कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेवी गोगोई, डॉ. धवल, डॉ. नारायणजीत, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र सिंह भंडारी, जनसंपर्क अधिकारी संदीप राणा आदि मौजूद रहे।
अभी नहीं होंगे ऑपरेशन, प्रसूति रोग की आईपीडी भी बंद
बैठक में यह भी तय हुआ कि दून अस्पताल में अभी न तो ऑपरेशन होंगे और न ही गैर कोरोना मरीजों के लिए महिला एवं प्रसूति रोग विभाग खोला जाएगा। एक हफ्ते बाद समीक्षा के बाद इन्हें संचालित करने पर निर्णय लिया जाएगा।
मरीजों से सलीके से पेश आएं कर्मचारी
प्रिंसिपल ने कुछ सुरक्षाकर्मियों द्वारा आमजन और मरीजों से सलीके से पेश न आने पर जवाब तलब किया। लगातार आ रही इस तरह की शिकायतों पर उन्होंने कहा कि मरीजों और तीमारदारों से सुरक्षाकर्मी सलीके से पेश आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षा सुपरवाइजर यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में किसी मरीज या तीमारदार से अभद्रता न हो। अन्य कर्मियों को भी उन्होंने इसका पालन करने को कहा।