ऋषिकेश। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के समय अभिषेक के लिए नरेंद्रनगर स्थित राजमहल से जाने वाला तिलों के तेल का कलश गाडू घड़ा पांच मई शाम को राजमहल से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
डिमरी पंचायत के सदस्य गाडू घड़ा सहित ऋषिकेश में विश्राम करेंगे। जबकि श्रीनगर गढ़वाल में गाडूघड़ा तेल कलश रात्रि विश्राम नहीं करेगा।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि पांच मई को प्रातः नरेंद्रनगर राजदरबार में महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में सुहागिनों द्वारा तिलों के तेल को निकालकर गाडू घड़ा (तेल कलश) तैयार करने की रस्म संक्षिप्त रूप से पूरी की गई।
डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बताया कि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के कार्यक्रम में आंशिक बदलाव किया गया है। अब पांच मई को नरेंद्रनगर में रात्रि विश्राम नहीं होगा।
13 मई को योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी
गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा पांच मई सायंकाल को नरेन्द्रनगर राजदरबार से रात्रि विश्राम के लिए चेला चेत धर्मशाला ऋषिकेश पहुंचेगी। छह मई को गाडू घड़ा तेल कलश ऋषिकेश से सीधे डिमर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगा। 11 मई तक कलश की डिमर गांव में सांकेतिक पूजा-अर्चना होगी।
12 मई को गाडू घड़ा नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगा। यात्रा 13 मई को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। साथ ही जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, गरूड़ जी, श्री कुबेर जी, श्री उद्धवजी की डोली भी 13 मई को योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
14 मई शाम को सभी देव डोलियां श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जाएंगी। 15 मई प्रातरू 4ः30 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे। तेल कलश यात्रा में केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी श्रीराम, रविग्राम-उम्मटा मूल पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद डिमरी, सदस्य अनुज डिमरी एवं टीका राम डिमरी आदि शामिल हैं।