राज्य के विकास में सरकार के तीन साल को प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने बताया मील का पत्थर

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देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने राज्य सरकार के तीन साल के कार्यकाल को प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में सरकार ने ऐतिहासिक और दूरगामी फैसले लिए। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को ध्येय वाक्य मान सरकार ने हर वर्ग और हर क्षेत्र के विकास को जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की हैं।

भगत ने कहा कि सरकार ने व्यापक स्तर पर संस्थागत सुधार को कदम उठाए, वहीं विकास का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया। भ्रष्टाचारमुक्त सुशासन सुनिश्चित करने को पारदर्शी कार्य संस्कृति विकसित की।

उन्होंने अटल आयुष्मान, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी, इन्वेस्टर्स समिट, प्रतिव्यक्ति आय में बढ़ोतरी के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, खेती-किसानी, व आधारभूत ढांचे के विस्तार से संबंधित योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार की उपलब्धियों का जिक्र भी किया।

लालटेन भूल जाएगी कांग्रेस

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.देवेंद्र भसीन ने एक बयान में कहा कि सरकार ने तीन पूरे होने पर ‘विकास के तीन साल, बातें कम काम ज्यादा’ विकास पुस्तिका प्रकाशित की है। कांग्रेस नेताओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वे इस पुस्तिका को जरूर पढ़ें। इससे प्रदेश में हुए विकास के बारे में कांग्रेस नेताओं के ज्ञान चक्षु खुल जाएंगे और उन्हें दिन के वक्त लालटेन लेकर नहीं घूमना पड़ेगा।

लगातार बढ़ रहा है सड़कों का जाल

प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी लगातार बेहतर हो रही है। चाहे वह चारधाम ऑल वेदर रोड हो, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन अथवा प्रदेश के भीतर अन्य संपर्क मार्गों का निर्माण। सरकार का लक्ष्य तय समय के भीतर इनको पूरा करना है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्ष 2021 तक सभी छूटे गांवों को सड़क से जोड़ने की बात कह चुके हैं। ऑल वेदर रोड की समय सीमा वर्ष 2021 रखी गई है तो वहीं ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन को वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में सड़कों को लाइफ लाइन कहा गया है। राज्य गठन के बाद प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं ने तेजी से कदम आगे बढ़ाए हैं। इस समय प्रदेश में ऑल वेदर रोड पर तेजी से काम चल रहा है। 11700 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत 644 किमी लंबी सड़क बनाई जानी है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के बनने से देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए पवित्र चार धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक पहुंच आसान होगी और सीमांत हिमालयी क्षेत्रों में देश की सामरिक मजबूती में भी खासी मदद मिलेगी। 16216.31 करोड़ लागत से बनने वाली इस परियोजना की लंबाई कुल 125 किमी है। यह रेल लाइन पांच जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों से होकर गुजरेगी।

वहीं, सड़कों की बात करें तो बीते 20 वर्षों में प्रदेश में सड़क की लंबाई 24412 किमी से बढ़कर 45136 किमी हो गई है। पुलों की संख्या 1300 से बढ़कर 3451 हो गई है। इस ढांचागत विकास ने पहाड़ों के दुर्गम सफर की राह आसान की है। वहीं 3580 किमी लंबाई का पैदल मार्ग है, जिसे जल्द पक्का करने की उम्मीद जताई जा रही है।

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