चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य महकमे को कुछ हद तक राहत मिली है। विभाग को 403 नए चिकित्सक मिल गए हैं। चिकित्सा चयन आयोग ने रविवार को चिकित्सक भर्ती का परिणाम जारी कर दिया है। अच्छी बात ये है कि इनमें 59 चिकित्सक विशेषज्ञ श्रेणी के हैं। जिनमें स्त्री एवं प्रसूति रोग, हड्डी रोग, एनेस्थीसिया आदि के चिकित्सक शामिल हैं।
सरकार ने चिकित्सा चयन आयोग को 763 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव दिया था। इसके आधार पर आयोग ने भर्ती की तो कुल चिकित्सकों को चयनित किया गया है। आयोग के अध्यक्ष डॉ डीएस रावत ने बताया कि आरक्षित श्रेणी में उम्मीदवार न मिलने की वजह से 359 पद खाली रह गए हैं। उन्होंने बताया कि आयोग ने पिछले दो सालों में राज्य में 1400 के करीब चिकित्सकों की भर्ती की है। उन्होंने कहा कि चयनित डॉक्टरों को नियुक्ति की प्रक्रिया अब विभाग की ओर से की जाएगी।राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में चिकित्सकों की भारी कमी रही है। इस कमी को दूर करने के कई प्रयास हुए पर धरातल पर इसका असर नहीं दिखा। प्रदेश के तमाम अस्पताल मानव संसाधन के अभाव में शोपीस ही बने रहे। पर अब इस मोर्च पर उम्मीद पूरी होती दिख रही है। साल 2017 से पहले मात्र एक हजार, 747 चिकित्सक विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत थे, जिनकी संख्या अब ढाई हजार के करीब पहुंच गई है।