पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत जल्द ही प्रदेश के विभिन्न जिलों के गांवों में जाकर सरकार की कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम को लेकर की गई तैयारियों को परखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े-बड़े दावे तो कर रही है, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है।
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बयान में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, संक्रमितों के उपचार की व्यवस्था व दवा को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। एक तरफ धारचूला के सीमांत क्षेत्रों तक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं, वहीं, सरकार के दावे कुछ और तस्वीर दिखा रहे हैं। इन परिस्थितियों में वह जून के पहले और दूसरे सप्ताह में कुछ गांवों में जाकर स्वयं स्थिति देखेंगे और ग्रामीणों से बातचीत कर स्थिति की गंभीरता का आकलन करेंगे।
उन्होंने बताया कि वह अपने दौरे की शुरुआत हरिद्वार के लिब्बाहेडी से करेंगे। इसके बाद वे देहरादून के जौलीग्रांट और रेशम माजरी सहित अन्य गांवों में जाकर स्थिति देखेंगे। फिर वह पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों में जाकर भी स्थिति का आकलन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रश्न केवल दूसरी लहर के नियंत्रण का नहीं है। प्रश्न यह है कि सरकार अब संभावित तीसरी लहर से होने वाले संक्रमण को रोकने और उससे बचाव के लिए धरातल पर क्या तैयारी कर रही है। इन तैयारियों को देखना और समझना भी आवश्यक है। राज्य की जनता का जीवन महामारी से बचाने के लिए बचाव योजनाओं की परख करना बेहद जरूरी है।