ऋषिकेश। ऋषिकेश देहरादून के मध्य रानीपोखरी में जाखन नदी के ऊपर बना पुल बीते शुक्रवार को नदी में आए उफान के बाद क्षतिग्रस्त हो गया था। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन अभियंताओं की विशेष जांच समिति गठित की थी। मंगलवार को मुख्य अभियंता पौड़ी गढ़वाल अयाज अहमद के साथ दो अन्य अधीक्षण अभियंता मौके पर जांच के लिए पहुंचे। अभियंताओं की टीम ने पुल के दोनों तरफ करीब 400 मीटर क्षेत्र में खनन की स्थिति का भी जायजा लिया।
रानीपोखरी में जाखन नदी के पुल के ऊपर वर्ष 1964 में लोक निर्माण विभाग ने पुल का निर्माण कराया था। बीती 27 अगस्त को नदी में आई बाढ़ के बाद यह पुल दो जगह से टूट गया था। घटना के रोज ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुल टूटने की जांच अभियंताओं की तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति से कराने की घोषणा की थी। इस समिति में मुख्य अभियंता पौड़ी गढ़वाल अयाज अहमद, अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार और अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल को शामिल किया गया था।
मंगलवार को अभियंताओं की यह टीम रानीपोखरी पहुंची। टीम के सदस्यों ने ऋषिकेश छोर पर क्षतिग्रस्त पुल का मौका मुआयना किया। टीम में शामिल अभियंता पुल के नीचे क्षतिग्रस्त पैनल को भी देखने गए। पुल हादसे के पीछे खनन को बड़ा कारण बताया जा रहा था। इस बात को ध्यान में रखते हुए अभियंताओं की टीम ने पुल के दोनों नदी छोर पर करीब 400 मीटर तक खनन की स्थिति का जायजा लिया। यहां से निरीक्षण के बाद यह टीम अब जौलीग्रांट छोर पर क्षतिग्रस्त पुल के हिस्से की जांच को गई है। टीम को लोक निर्माण विभाग अस्थाई खंड ऋषिकेश के प्रभारी अधिशासी अभियंता आरसी कैलखुरा, रानीपोखरी के ग्राम प्रधान सुधीर रतूड़ी आदि सहयोग कर रहे हैं।