पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव मौन रहने के अपने बयान से पलट गए। उन्होंने मॉडर्न साइंस (एलोपैथी) को मेडिकल टैरेरिज्म से जोड़ते हुए कहा कि अकेला संन्यासी इससे नहीं लड़ सकता। लाखों-करोड़ों लोग, वैदिक ज्ञान और अनुसंधान उनके पीछे हैं।स्वामी रामदेव ने बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी किया है। 40 मिनट के वीडियो में उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और सनातन संस्कृति के सच पर सीरियल शुरू कर दिया गया है। वीडियो में उनके साथ उनके कई साधक हैं।
बाबा बोलते हुए नजर आ रहे हैं कि मॉडर्न मेडिकल साइंस (एलोपैथी) में बहुत बड़ा घोटाला है। इसको ड्रग माफिया बोलें, फार्मा माफिया बोलें, मेडिकल माफिया बोलें या मेडिकल टैरेरिज्म बोलें, यह एक बड़ा षड्यंत्र है। इनके खिलाफ संन्यासी अकेले नहीं लड़ सकता।
बीमारियों के इलाज को लेकर लोगों के दिल-दिमाग में गलत बात बैठा दी
जो मरीजों को रुलाते हैं, ऐसे में एलोपैथी वालों को प्रसाद दूं या उनकी आरती उतारूं। बाबा ने कहा कि लोगों के मन से भ्रांतियां निकालता हूं। जो दुनिया के साइंटिस्ट नहीं कर पाए। जिसको डब्ल्यूएचओ ठीक नहीं कर पाया। ड्रग माफिया और मेडिकल माफिया ठीक नहीं कर पाए।
यदि ऐसे मरीज योग और नेचुरोपैथी से ठीक हो जाते हैं तो क्या दिक्कत है, इसलिए वह एक इंटीग्रेटेड पैैथी चाहते हैं। स्वामी रामदेव ने एलोपैथी की दो बातें भी गिनाईं। कहा कि जीवन पर बड़ा संकट आ जाए तो एलोपैथी की लाइफ सेविंग ड्रग और सर्जरी ठीक है।