रामदेव विवाद में उत्तराखंड सरकार का पहली बार बयान आया है सरकार ने साफ तौर पर रामदेव को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है आपको बता दें कि आइएमए ने रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि का दावा किया है और रामदेव से माफी मांगने की मांग की है नही तो कोर्ट तक जाने की बात की है इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी रामदेव को ऐसे विवादों में न पड़ने की सलाह दी है साथ ही सबका सम्मान करने की हिदायत दी है।वही कांग्रेस भी रामदेव के साथ सरकार पर इस विवाद को लेकर हमलावर है।
बाबा रामदेव के खिलाफ एक ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मोर्चा खोल रखा है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार और सरकार ने इस मामले में कोई खास प्रतिक्रिया अभी नहीं दी है। लेकिन कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बाबा रामदेव को विवाद न पड़ने की बड़ी सलाह दी है। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इस समय की परिस्थितियों के अनुसार किसी भी समझदार को आरोपी- प्रत्यारोप से बचना चाहिए। ताकि किसी ने मनोबल पर विपरीत असर न पड़े।उन्होंने कहा कि रामदेव भी अपना काम कर रहे हैं और हमारे डॉक्टर भी अपना काम कर रहे हैं ऐसे में रामदेव को ऐसे विवादों में नही पड़ना चाहिये।आईएमए के नोटिस पर सुबोध उनियाल ने बताया कि भारत मे लोकतांत्रिक व्यवस्था है और इसमे कानून अपने हिसाब से कार्यवाही करेगा।
रामदेव विवाद पर विपक्ष भी हमलावर है,कांग्रेस ने रामदेव पर तीखी टिप्पणी की है और उनको बाबा रामदेव से लाला रामदेव का नाम दे दिया है,कांग्रेस ने रामदेव पर पहले भी कई विवादित बयान देने का आरोप लगाया है।कांग्रेस प्रवक्ता ने रामदेव पर करारा हमला किया और उन पर आरोप लगाया कि अपना साम्राज्य बढाने के लिये रामदेव हमारे एलोपैथिक डॉक्टरों का मजाक उड़ा रहे हैं जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं इस महामारी में जब 1300 डॉक्टर लोगों की जान बचाते हुये खुद की जान गवां चुके हैं ऐसे में रामदेव का बयान बेहद निंदनीय है।