रायवाला (देहरादून)। रायवाला के पास देहरादून व ऋषिकेश रेलवे ट्रैक के किनारे बसी अवैध बस्ती को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गयी है। जेसीबी मशीन लेकर पहुंची टीम में कच्चे घरों को हटाने का काम शुरू किया, जिससे कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया। कुछ सफेदपोश धारी भी अतिक्रमण करने वालों के पक्ष में आए, लेकिन मौके पर भारी पुलिस बल व रेलवे के सख्त रुख को देखते विरोध नहीं कर पाए। वहीं कब्जाधारियों ने आनन-फानन में सामान समेटना शुरू कर दिया। दरअसल, रेलवे ने रायवाला में रेल लाइन के किनारे बस्ती में कुछ दिन पहले नोटिस चस्पा किए गए हैं, तब कब्जाधारियों ने रेलवे से कुछ दिन की मोहलत मांगी थी। मोहलत की समय सीमा समाप्त होते ही गुरुवार से रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी।
अवैध बस्ती में हर सरकारी सुविधा
कहने को रेल लाइन के किनारे बसी बस्ती अवैध है, लेकिन जन प्रतिनिधियों की मेहरबानी से यहां रहने वाले तमाम सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इनके पास बिजली-पानी के कनेक्शन, वोटर व आधार कार्ड, राशन कार्ड सब कुछ उपलब्ध हैं। यहां करीब डेढ़ सौ से अधिक परिवार रहते हैं। इनमें अधिकांश मतदाता भी हैं जिसके चलते ये राजनीति को भी प्रभावित करते हैं। वोट के लालच में राजनैतिक दल इनको संरक्षण देते हैं।
दस रुपये स्टांप पर बिकी जमीनें
रेलवे लाइन के किनारे के जमीन महज दस रूपये के स्टांप पर बिक जाती है। यह बेचने वाले भी स्थानीय सफेदपोश ही है जो चंद रुपये लेकर दस रुपये के स्टांप पेपर पर भूमि का सौदा तय करते हैं।
रायवाला-हरिद्वार रेल लाइन का होना है दोहरीकरण
हरिद्वार-रायवाला सेक्शन में वर्तमान सिंगल रेल लाइन के दोहरीकरण और देहरादून व योगनगरी ऋषिकेश के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डायवर्जन लाइन के बनाने की तैयारी है। डायवर्जन रेल मार्ग देहरादून को ऋषिकेश व कर्णप्रयाग से जोड़ेगा। रायवाला-ऋषिकेश के बीच भी डबल लेन की योजना है। यही वजह है कि रेलवे ने रेल लाइन के किनारे बसी अवैध बस्तियों को हटाने की कार्यवाही शुरू की है। जिनमें कई पक्के मकान भी हैं।