देहरादून। अपनी जान की परवाह किए बिना कोसी नदी में कूदकर अपने से दोगुनी उम्र के व्यक्ति को बचाने वाले 14 वर्षीय छात्र सनी कश्यप का नाम उत्तराखंड से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद को भेजा गया है। खास बात ये है कि इस साल केवल एकमात्र सनी का नाम ही इस पुरस्कार के लिए भेजा गया है।
उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से प्रदेश के ऐसे वीर बच्चों के नाम मांगे गए थे, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाई हो या बचाने में मदद की हो। परिषद की महासचिव पुष्पा मानस के मुताबिक हर जिले के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य शिक्षा अधिकारियों से उनके जिले में इस तरह के बच्चों के नाम 30 सितंबर तक दिए जाने के लिए कहा गया था, लेकिन इस बार प्रदेश भर से केवल सनी का नाम ही मिला है।
परिषद के मुताबिक इसी वर्ष नौ अगस्त को मोतीमहल के पास एक व्यक्ति उफनती कोसी नदी में बह रहा था। आसपास के लोग उसे बचाने के बजाय नदी में बह रहे व्यक्ति की फोटो ले रहे थे और वीडियो बना रहे थे।
तभी नैनीताल जिले के राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोतीमहल, रामनगर में आठवीं में पढ़ने वाले सनी ने अपनी जान की परवाह किए बिना उफनती नदी में छलांग लगा दी और उस व्यक्ति को बचा लिया। परिषद के मुताबिक सनी की इस बहादुरी पर उसे उप जिलाधिकारी नैनीताल और रामनगर के पूर्व विधायक की ओर से पुरस्कृत भी किया गया था।
राज्य के 12 बच्चों को मिल चुका राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की महासचिव पुष्पा मानस के मुताबिक प्रदेश के अब तक 12 बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर वीरता पुरस्कार मिल चुका है। परिषद के संयुक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट ने बताया कि सनी के प्रकरण की जांच पड़ताल के बाद अंतिम चयन के लिए आवेदन को भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली को भेजा गया है।