देहरादून। नोशन प्रेस इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की एक लेखन प्रतियोगिता में देहरादून कि तपस्या वल्दिया को तमाम लेखकों के बीच चौथे स्थान पर चुना गया । प्रकाशित पुस्तक ई-बुक में उपलब्ध है।
नेशनल प्रेस इंडिया की राष्ट्रीय स्तर की लेखन प्रतियोगिता में तमाम लेखकों ने हिस्सा लिया। इसमें चयनित 50 लेखकों की सूची में तपस्या वल्दिया को चौथे स्थान पर चुना गया ।
नोशन प्रेस पब्लिशिंग हाउस के तहत प्रकाशित 265 पृष्ठें की ‘ अराउंड द वर्ल्ड ‘ एंथोलोजी पुस्तक में सह लेखिका के रूप में तपस्या की कविता शामिल है।
एंथोलोजी प्रतियोगिता असम बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आयोजित की गई थी। पुस्तक से प्राप्त होने वाली रोयल्टी असम में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दी जाएगी।
तपस्या वल्दिया की स्कूली शिक्षा कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी से हुई। मौजूदा समय में तपस्या दिल्ली विश्व विद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल कर रही है। तपस्या के पिता एसएस वल्दिया उत्तराखंड शासन में अपर सचिव पद पर कार्यरत हैं।
तपस्या से वार्ता में उन्होंने बताया की उन्हें लेखन में कक्षा आठवीं से ही रूची रही हैं। उन्होंने स्कूल में आयोजित कई लेखन प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और निरंतर स्कूल की मैगजीन में उनके द्वारा लिखे गए लेख छपते रहे। वहीं तपस्या स्कूल की इडिटिंग टीम की सदस्य भी रहीं है।
उन्होंने बताया वे अपने पिता से काफी प्रभावित हुई हैं। उन्हें लेख में रूची उनके पिता एसएस वल्दिया को देखकर ही बढ़ी, उन्होंने बताया उनके पिता भी लेखक हैं और वे कई डिबेट में भाग लिया करते थे। उनसे ही प्रेरित होकर तपस्या की भी लेख में रूची बढ़ी।
तपस्या ने बताया उन्हें सबसे ज्यादा लैंगिक असमानता, ट्रांसजेंडर पर लिखने पसंद है। साथ ही उन्होंने बताया अगर अच्छा लेखन बनना हो तो उसके लिए पढ़ना बहुत जरूरी है। पढ़ने से ही लिखने में रूची बढ़ती है।