देहरादून। पुलिस लाइन में पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने सबसे पहले गार्ड से सलामी ली। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से संवाद शुरू किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई पुलिसकर्मी रिश्वत लेता है तो उसको वर्दी पहने का अधिकार नहीं है। अगर इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सम्मेलन के दौरान डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याएं सुनी। सम्मेलन में पहुंचे करीब ढाई सौ पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों ने उनसे सीधा संवाद किया। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, पीड़ित को मदद दिलाना पुलिस का कर्तव्य है। अगर जांच में कोई गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। शिकायत थाना-चौकी में सुनी जाएगी।
डीजीपी ने ये भी कहा कि अगर पुलिस थाने और चौकी में एफआइआर दर्ज नहीं होती तो थानाध्यक्ष और इंचार्ज को थाने में रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों का तनाव कम करने की भी कोशिश की जाएगी। इसमें खासकर स्वास्थ्य और बच्चों की शिक्षा खास रहेगी। ड्रग्स को खत्म करने के लिए पुलिस के साथ-साथ जनता को भी आगे आने की जरूरत है। तभी ड्रग्स पर पूरी तरह से रोक लगा लगाई जा सकेगी।
सम्मेलन के बारे में उन्होंने बताया कि यह हमारी पुरानी परंपरा है। यह परंपरा आगे भी चलती रहेगी और धीरे-धीरे सभी जिलों में इसे शुरू किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों और अधिकारी की शिकायत सुनने के लिए कमेटी गठित की गई है। शिकायत आने पर समस्या दूर की जाएगी।