रुरल ग्रोथ सेंटर बनेंगे ग्रामीण विकास के केंद्रः सीएम रावत

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ग्रोथ सेंटर नई परिकल्पना है। रुरल ग्रोथ सेंटर ग्रामीण विकास का केंद्र बनेंगे। इस तरह के सेंटर राज्य की सभी न्याय पंचायतों में खोले जाएंगे। अभी तक 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनसे भविष्य की टाउनशिप विकसित होंगी। स्थानीय संसाधनों के अनुरूप ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय किसान अपने उत्पाद यहां बेच सकेंगे। मुख्यमंत्री रावत ने ये बात टिहरी जिले के ख्यार्सी ग्राम में ‘एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर’ के नवनिर्मित भवन ‘ग्राम्यनिधि’ के लोकार्पण के दौरान कही।

किसानों के उत्पादों की स्थानीय स्तर पर हो सकेगी बिक्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि किसानों के उत्पादों की बिक्री उनके घर के पास ही हो जाए। ग्रोथ सेंटर बनने से आढ़ती और व्यापारी उत्पाद खरीदने यहां आ सकेंगे। इससे किसानों को अच्छी कीमत भी मिल पाएगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया। पहले किसान मंडी में ही अपने उत्पाद बेच सकता था। अब वह कहीं भी बेच सकता है। इससे किसान को मूल्य अधिक मिलेगा।


मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 25 प्रतिशत तक सब्सिडी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में निशुल्क राशन की व्यवस्था की। 20 लाख करोड़ रुपए का आत्मनिर्भर पैकेज दिया। प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी लौटकर आए। हमें स्वरोजगार की ओर जाना होगा। इसी लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम लिए गए है। इसमें 10 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी की व्यवस्था है।

10 हजार छोटे सोलर पावर प्रोजेक्ट से युवाओं को मिलेगी आजीविका

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पर्यटन के तहत हम 10 हजार मोटर बाईक देंगे। इसमें दो साल का ब्याज राज्य सरकार देगी। जल्द ही 25-25 किलोवाट के 10 हजार छोटे सोलर पावर प्रोजेक्ट की योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाएंगे।

बिना ब्याज के 3 लाख रुपए तक ऋण

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक सहकारिता के माध्यम से किसानों को बिना ब्याज के एक लाख रुपए तक का ऋण दे रहे हैं। अब हमने इसकी सीमा 3 लाख रुपए कर दी है। किसान बिना ब्याज के ये ऋण ले सकते हैं। खेती में हमें नए तरीकों को भी अपनाना होगा। अच्छा मूल्य देने वाले उत्पाद उत्पन्न करने होंगे। सेब, कीवी, आडू आदि फलों की नई और उच्च गुणवत्ता की किस्में अपनानी होगी। यहां की भौगोलिक स्थिति और मौसम के अनुरूप फलों की खेती पर ध्यान देना होगा। मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्र में काफी कुछ किया जा सकता है।

ख्यार्सी एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर से किसान हो रहे लाभान्वित

एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर, ख्यार्सी का निर्माण जलागम प्रबंध निदेशालय द्वारा किया गया है। इस सेंटर ने स्थानीय स्तर पर किसानों को स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण, कृषि निवेशों की उपलब्धता और कृषि यंत्रों की सुविधा प्रदान की है। यहां दालें, अनाज, मसाले, तेल, अचार, जैम, चटनी, स्क्वैश, सुगन्धित मोमबत्ती आदि के विपणन का कार्य किया जा रहा है। ग्रोथ सेंटर की विभिन्न गतिविधियों दर्जनों गांवों के ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। ग्रोथ सेंटर की द्वारा स्थानीय उत्पादों के क्रय से 36 ग्रामों के 707 किसान लाभान्वित हुए हैं। नई गतिविधि के रूप में स्थानीय उपलब्ध उत्पादों से बेकरी उत्पादों का निर्माण शुरू किया जा रहा है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय जलागम परिषद ज्योति प्रसाद गैरोला, जीएमवीएन के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड़, विधायक प्रीतम सिंह पंवार, खजानदास, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल समेत अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

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