देहरादून। रोडवेज के करोड़ों के घाटे को दूर करने के साथ एसीपी घोटाले में रिकवरी को लेकर सरकार के कड़े रुख के बाद रोडवेज प्रबंधन ने इससे जुड़ी फाइलें निस्तारित करने के लिए 20 अगस्त की डेडलाइन तय कर दी है। इसके लिए रोडवेज मुख्यालय के समस्त कार्मिक सोमवार से 20 अगस्त तक रोजाना सुबह 10 से रात 10 बजे तक कार्यालय में रहकर फाइलें निस्तारित करेंगे। प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल के आदेश पर महाप्रबंधक प्रशासन हर गिरि ने शनिवार देर रात इसके आदेश जारी कर दिए। प्रबन्ध निदेशक ने आदेश दिए हैं कि 20 अगस्त तक एसीपी और गलत वेतन वृद्धि से जुड़ी फाइलों का निस्तारण कर संशोधित वेतनमान लागू कर दिया जाए।
कोरोना काल में वेतन संकट से जूझ रहे रोडवेज कार्मिकों को सरकार ने हाइकोर्ट के आदेश पर करोड़ों की आॢथक मदद तो कर दी थी, लेकिन अब सरकार रोडवेज कर्मियों से रिकवरी की तैयारी कर रही है। दरअसल, रिकवरी से जुड़ा यह मामला बीते वर्ष किए गए स्पेशल आडिट में सामने आया था कि रोडवेज में वेतन वृद्धि समेत एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन (एसीपी) की मद में करोड़ों रुपये की अनियमितता हुई है।
आडिट की रिपोर्ट में दफ्तर एवं कार्यशाला के तकरीबन 1300 कार्मिकों को गलत वेतन और एसीपी देने से रोडवेज को तकरीबन 100 करोड़ रुपये की चपत लगना बताया गया था, मगर रोडवेज मुख्यालय ने कोई रिकवरी नहीं की। गत चार अगस्त को सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा ने इस मामले में कार्मिकों पर कार्रवाई करने व रिकवरी के आदेश दे दिए थे, लेकिन अधिकारी मामला टालने में जुटे रहे। अब प्रबन्ध निदेशक ने इस मामले में सख्त रवैया अपना लिया है। वहीं, रात 10 बजे की ड्यूटी पर उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन, रोडवेज कर्मचारी यूनियन और रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने नाराजगी जताई है।
यह है मामला
एसीपी घोटाला तीन साल से उछल रहा था। पिछले साल अगस्त से नवंबर तक सरकार के आदेश पर हुए स्पेशल आडिट में शुरुआत में ही गड़बड़ी सामने आ गई थी। जिस पर रोडवेज प्रबंधन ने 15 अधिकारियों और कार्यशाला के 400 काॢमकों से रिकवरी के आदेश अक्टूबर में कर दिए थे। विभिन्न प्रशासनिक और डिपो दफ्तर के शेष 900 काॢमकों की गड़बड़ी के बारे में नवंबर में रिपोर्ट दी गई। कुल 1300 कार्मिकों इसकी जद में आए।
आडिट रिपोर्ट के मुताबिक इनसे कुल रिकवरी 100 करोड़ रुपये के आसपास बन रही है। अगर रोडवेज प्रबंधन एसीपी के पूरे 100 करोड़ की पूरी रिकवरी कर लेता है तो उस पर किसी माह का वेतन लंबित नहीं रहेगा। आगे के वेतन का भी जुगाड़ उसके पास हो जाएगा। वहीं, खास बात यह है कि मुख्यालय के बड़े अधिकारियों पर 18 से 20 लाख रुपये तक की रिकवरी की तलवार लटक रही। मुख्यालय के डीजीएम स्तर के कईं अधिकारी समेत आरएम और डिपो एजीएम भी रिकवरी की जद में हैं।