देहरादून । तीन माह से बिना वेतन काम कर रहे रोडवेज कर्मियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार ने पंद्रह करोड़ रुपये और जारी कर दिए हैं। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने मंगलवार दोपहर इसके आदेश दिए। पिछले एक माह से मई समेत तीन माह के वेतन को लेकर रोडवेज के कर्मचारी संगठन शासन में वार्ता कर रहे थे। हालांकि, यह राशि मिलने के बावजूद रोडवेज अपने कर्मचारियों को मई का वेतन देने के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये और चाहिए, जो उसे अपने स्तर से वहन करना होगा। रोडवेज को हर महीने वेतन के लिए करीब 21 करोड़ की जरूरत होती है।
कोरोना लॉकडाउन के चलते रोडवेज बसों का तीन माह संचालन ठप रहने एवं मौजूदा समय में भी बसों का सीमित संचालन होने से करीब सात हजार कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। बीते माह सरकार से आर्थिक मदद मिलने पर रोडवेज ने कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन जारी कर दिया था लेकिन अब उस पर फिर तीन माह का वेतन लंबित हो गया है। इस मसले पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन समेत उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने अलग-अलग अपर मुख्य सचिव से भी मुलाकात की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सरकार के प्रति सख्त तेवर दिखाए थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रोडवेज को 15 करोड़ रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। परिवहन सचिव की ओर से रोडवेज को 15 करोड़ रुपये देने के आदेश परिवहन आयुक्त को दिए गए।
शासन ने शर्तें भी लगाईं
आर्थिक मदद देने के साथ ही शासन ने कुछ शर्तें भी तय कर दी हैं। इसमें एसीपी घोटाले में निदेशक आडिट से जांच कराकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए। रोडवेज को संपत्तियों के उपयोग की योजना बनाने और अधिकांश बसों के संचालन की कार्ययोजना बनाने के आदेश दिए गए। शासन ने प्रबंधन को आदेश दिए कि 11 अक्टूबर 2017 को हुए समझौते के तहत रोडवेज की आय को साधन बढ़ाने और पारदर्शिता लाने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा गया था, जिसे प्रबंधन द्वारा अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया। यह कार्य योजना जल्द उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए।