पद के सापेक्ष काम करने में अक्षम कर्मचारियों को पहली बार रोडवेज ने जबरन रिटायर करना शुरू कर दिया है। दो दिन में 12 ऐसे कर्मचारियों को रिटायर करने से निगम कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, परिवहन निगम ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) का आदेश जारी किया था। इसके तहत 84 कर्मचारी चिन्ह्ति किए गए थे।
इसमें एक लिपिक, 69 ड्राइवर, 14 कंडक्टर ऐसे थे जो कि अक्षम हैं। वह अपने पद के सापेक्ष काम नहीं कर सकते हैं। इन सभी को परिवहन निगम कर्मचारी (अधिकारियों से भिन्न) सेवा नियमावली-2015 के विनियम 37(क) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है। इनमें से 70 को निगम ने नोटिस जारी कर दिया था। नोटिस की मियाद तीन माह थी, जो कि अब पूरी होने लगी।
पिछले दो दिन में परिवहन निगम ने देहरादून, टनकपुर और नैनीताल मंडल में 12 अक्षम कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। बाकी के नोटिस की मियाद भी 22 दिसंबर तक पूरी हो रही है, जो कि 23 दिसंबर को जबरन रिटायर कर दिए जाएंगे। अकेले देहरादून मंडल में ही 30 अक्षम में से नौ को जबरन रिटायर कर दिया गया है।
देयकों का जल्द होगा भुगतान
निगम ने उन कर्मचारियों को सीआरएस से राहत दी है, जो कि रोडवेज बस हादसे की वजह से अक्षम हुए हैं। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन एवं तकनीकी दीपक जैन ने बताया कि सभी को तीन माह का नोटिस दिया गया था। नोटिस के दौरान सेवानिवृत्ति न लेने वालों को अब परिवहन निगम सेवानिवृत्त कर रहा है। उनके देयकों का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।
मंडल | लिपिक | ड्राईवर | कंडक्टर | कुल योग |
देहरादून | 01 | 27 | 11 | 39 |
नैनीताल | 00 | 23 | 02 | 25 |
टनकपुर | 00 | 19 | 01 | 20 |
कुल | 01 | 69 | 14 | 84 |