उत्तराखंड में लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 81 डॉक्टरों की सेवाएं सरकार ने समाप्त कर दी हैं। इसमें अधिकतर डॉक्टर पर्वतीय जिलों में तैनात किए गए थे। शासन ने बृहस्पतिवार को गैरहाजिर डॉक्टरों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया है। गैरहाजिर डॉक्टरों की सेवा समाप्त होने के बाद अब इन पदों पर नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जा सकेगी। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी आदेश के अनुसार लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे 81 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। पौड़ी जिले के 13 और नैनीताल में तैनात 10 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा और चमोली जिले में तैनात 9-9 डॉक्टर शामिल हैं।इनके साथ देहरादून में तैनात आठ, रुद्र प्रयाग और ऊधम सिंह नगर के छह-छह, उत्तरकाशी के पांच, पिथौरागढ़ के चार, चंपावत जिले के तीन, हरिद्वार में तैनात दो, बागेश्वर में तैनात एक डाक्टर की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले भी सरकार की ओर से वर्ष 2010 से 2015 तक गैरहाजिर चल रहे चार सौ से अधिक डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी करने के बाद भी डॉक्टर काम पर नहीं लौटे। अब पद समाप्त होने से विभाग की ओर से इन पदों पर नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। हाल ही में सरकार ने नियुक्ति के बाद से गैरहाजिर चल रहे 20 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की थी। ये डॉक्टर नियुक्ति के बाद से संबंधित अस्पतालों में तैनाती देकर गायब थे। विभाग की ओर से कई बार नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर वापस नहीं लौटे। इस कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं, स्वास्थ्य विभाग इनकी जगह नई भर्ती नहीं कर पा रहा था।