पिछले दिनों उत्तराखंड के माउंट त्रिशूल क्षेत्र में आए बर्फीले तूफान में नौसेना के चार जवानों की मौत हो गई थी। जिनमें से एक शहीद ले. कमांडेंट अनंत कुमार देहरादून के रहने वाले थे। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की।
स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री धामी ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की। कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद व देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा भी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ले. कमांडेंट अनंत कुकरेती की स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा।
सोमवार को दी गई अंतिम विदाई
नौसेना के शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती को सोमवार को उनके आवास पर अंतिम विदाई दी गई। अनंत कुकरेती शुक्रवार को त्रिशूल चोटी के आरोहण के दौरान हिमस्खलन में शहीद हुए थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर नौसेना के बेस कैंप दिल्ली से दून लाया गया था। यहां उनके सगे-संबंधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सेना और नौसेना अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी। दोपहर को हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
30 अप्रैल 2021 को ही हुई थी शादी
शहीद अनंत की शादी 30 अप्रैल 2021 को ही हुई थी। कोविड गाइडलाइनों के कारण शादी में केवल पांच लोग ही शामिल हो पाए थे। इसके बाद योजना थी कि जल्द ही अनंत वापस आएंगे और सब कुछ सामान्य होने पर रिश्तेदारों को पार्टी दी जाएगी, लेकिन अनंत का पार्थिव शरीर घर आया।
शहीद के पिता वन विभाग में रेंजर्स के पद से सेवानिवृत्त हैं। कुकरेती परिवार मूलरूप से गांव जौरासी पट्टी दुगड्डा पौड़ी का रहने वाला है। अनंत के बड़े भाई और भाभी वायु सेना में स्वाड्रन लीडर हैं। अनंत को सब घर में हिमी बुलाते थे। वह घर में सबसे लाडले थे।