देहरादून। लॉकडाउन 3.0 में अब ग्राम पंचायतों को बाहर से आने वालों को क्वारंटीन करने और ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटाइन सेंटर विकसित करने का जिम्मा सौंपा गया है। पंचायत निदेशालय ने रविवार को विस्तृत आदेश जारी किया। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटीन करने में ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
अभी तक ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर ही काम कर रही थीं। बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या सवा लाख से अधिक होने का अनुमान है, लिहाजा अब सरकार को ग्राम पंचायतों को भी इस लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल करना पड़ा है।
ग्राम पंचायतों को सौंपा यह जिम्मा
– बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन कराएं।
– पंचायत भवन, राजकीय भवन आदि में क्वारंटाइन की व्यवस्था करें।
– जिनके पास खाने के लिए नहीं हैं, उनके लिए खाने की व्यवस्था कराएं।
– सैनिटाइजेशन, साफ सफाई, जागरूकता के लिए वॉल राइटिंग आदि।
– ग्रामीण क्षेत्रों पर कोरोना को न फैलने देने के लिए सतर्क निगाह रखना।
हर ग्राम पंचायत रिपोर्ट भी करेंगी तैयार
जिला पंचायत और सहायक जिला पंचायतराज अधिकारी प्रत्येक दिन किसी एक विकासखंड की एक ग्राम पंचायत का दौरा करेंगे और देखेंगे की सुधार क्या-क्या किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्राम पंचायतें सहायक विकास अधिकारी के जरिए अपनी रोज की गतिविधियों के फोटोग्राफ और अन्य रिकार्ड डीपीआरओ को भेजेंगे। यह ब्योरा निदेशालय को जिला पंचायतराज अधिकारी उपलब्ध कराएंगे।
पंचायतों के खर्च की हो सकेगी भरपाई
पंचायतों को फंड भी उपलब्ध कराया गया है। भोजन आदि का खर्च आपदा प्रबंधन के तहत किया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों को लिखित में खर्च का ब्यौरा एसडीएम, तहसीलदार आदि को देना होगा। ताकि इस खर्च की भरपाई की जा सके। सैनिटाइजेशन आदि के लिए खर्च राज्य वित्त आयोग, केंद्रीय वित्त आयोग या स्वयं के राजस्व से करने की अनुमति दे दी गई है।